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MP: इस प्रोजेक्ट के लिए शिवराज सरकार को दें सुझाव, इनाम में पाएं 1 लाख, जानें प्रक्रिया

Chance To Win Rs 1 lakh: भोपाल। यदि आप मध्यप्रदेश के निवासी हैं तो आपके लिए सरकार ने एक सुनहर मौका लाया है। दरअसल मध्य प्रदेश में विद्यार्थी, गो-पालन और प्रबंधन के साथ ही आम लोगों के पास 1 लाख रुपये जीतने का एक अवसर है। बताया जा रहा है कि इसमें विजेताओं को 1 लाख रुपये और 50 हजार रुपये का इनाम दिए जाने की खबर सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार (Shivraj Sarkar) आत्मनिर्भर गौशाला (Atmanirbhar Gaushala) अभियान के साथ वेस्ट से वेल्थ कैंपेन (Waste Se Wealth) अभियान चला रही है। इन्हीं को लेकर सरकार ने आम जनता से सुझाव की मांग की है। जिसमें सबसे अच्छा सुझाव देने वाले लोगों को पुरस्कार भी दिया जाने का प्रावधान किया गया है।

क्या है वेस्ट से वेल्थ कैंपेन?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा ‘आत्मनिर्भर गौशाला-वेस्ट से वेल्थ’ कैंपेन का आयोजन कर रहा है। रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि गोबर से धन बनाकर गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए इसके साथ ही गौ-अपशिष्ट से अधिकतम आमदनी हो। कहा जा रहा है कि इससे गौशालाओं की धन की मांग कम होने के साथ ही अपशिष्ट प्रबंधन भी बेहतर होगा।

इस तरह पा सकते हैं 1 लाख रुपये!

प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अभियान में हिस्सा लेने के लिए विद्यार्थी, गौ-पालन और गौशाला प्रबंधन के साथ ही आम लोग इसके पात्र हैं। जिसमें अच्छे सुझाव देने पर सरकार उन्हें 1 लाख अथवा 50 हजार रुपये की राशि जीतने के लिए मंगाए गए सुझावों को ऑनलाइन साझा करना पड़ेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इच्छुक भागीदार बोर्ड की वेबसाइट https://mppcb.mp.gov.in/ पर जाकर इसमें भाग ले सकते हैं और जीत सकते हैं एक लाख रुपए।

ऐसे किया जाएगा चयन

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों के आवेदन प्राप्त होने के बाद बोर्ड द्वारा एक समिति का गठन की जाएगी जो मिले सुझावों का विश्लेषण करेगा और उनके एक्जिक्यूशन के बारे में रिसर्च करगी। इसके बाद इसमें देखा जाएगा कि कौन से सुझाव ऐसे है वो वाकई में लागु किया जा सकता है। विश्लेषण के बाद सुझावों को चनय करने के बाद उन्हें इनाम दिया जाएगा।

क्या है बोर्ड का उद्देश्य

बता दें कि इस अभियान को लेकर बोर्ड का उद्देश्य है कि वो गोबर, गोमूत्र आदि अपशिष्ट से अधिकतम आमदनी प्राप्त कर सके। इसके साथ ही इससे कई प्रोडक्ट बनाकर बाजार में लाया जा सके। जिससे लोगों को पसंद आएं और वह उनका उपयोग करें। जानकारी के लिए बता दें कि छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना के नाम से एक ऐसा ही प्रोजेक्ट संचालित है। इस योजना का देशभर में लगातार चर्चाएं हो रही है।

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