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MP बीजेपी सरकार में 60 करोड़ के चावल का घपला; 11 मिलरों पर एफआईआर दर्ज, 25 संदेह के दायरे में

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जानकारी अनुसार इन मिलरों द्वारा 200 लॉट अर्थात् 78 हजार किवंटल चावल अनुबंधित गोदामों में जमा नहीं कराया है नागरिक आपूर्ति निगम के जिला दफ्तर द्वारा मिलरों के विरुद्ध दर्ज कराई गई एफआईआर की निष्पक्षता पर संशय के बादल जरूर मंडरा रहे हैं? दरअसल बात यह है कि जिला प्रबंधक नान रीवा की ओर से संबंधित मिलर्स को 5 अक्टूबर 23 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। जिला प्रबंधक ने 12 मिलरों को नोटिस जारी किया था। उनमें से 11 मिलर एफआईआर में नामजद हो गये हैं किन्तु लक्ष्मी राइस मिल कर नाम उसमें शामिल नहीं है।

जिला प्रबंधक ने जिल मिलरों को नोटिस दिया था उनमें से डीएसएस फूड इण्डस्ट्रीज, शिवा ट्रेडिंग, आईबीएस एग्रो इण्डस्ट्रीज, फेस फूड इण्डस्ट्रीज एवं शिवा राइस मिल की ओर से लिखित जबाव प्रस्तुत किया गया था। इस बात का उल्लेख एफआईआर में भी है। अलहदा बात है कि इन मिलर्स के जबाव परीक्षण की कसौटी पर खरे नहीं उतरे। जबाव समाधानकारक न होने के कारण उनके विरुद्ध अभियोजन की कार्यवाही की गई। मगर जिला प्रबंधक ने यह भी उल्लेख कर रखा है कि शेष (उक्त के अतिरिक्त) मिलर द्वारा जबाव प्रस्तुत नहीं किया गया।

अभियोजन के बाद हो सकते हैं ब्लैकलिस्टेड

गौरतलब है कि गत सोमवार को जिन 11 मिलर्स पर एफआईआर दर्ज हुई है उन्हें ब्लैकलिस्टेड भी किया जा सकता है। प्रबंध संचालक म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमि मुख्यालय भोपाल के स्पष्ट निर्देश है कि खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग नीति के अनुक्रम में प्रदाय धान के विरुद्ध जिन मिलर्स द्वारा भारतीय खाद्य निगम एवं सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन में चावल जमा नहीं किया गया है उनके विरुद्ध वसूली की कार्यवाही अभियोजन एवं ब्लैकलिस्टेड किये जाने की कार्यवाही की जाय। विभाग ने एफआईआर का कॉलम पूरा कर दिया है। अब ब्लैकलिस्टेड तथा वसूली का कॉलम शेष है। यदि प्रबंध संचालक के निर्देशो का अक्षरश: पालन होता है तो संबंधितों से 60 करोड़ की वसूली संभावित है ?

रीवा जिले के राइस मिलरों के विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश प्रबंध संचालक द्वारा उस जांच रिपोर्ट के बाद दिये गये थे जो मुख्यालय भोपाल से गठित जांच दल जिसमें जिला आपूर्ति नियंत्रक उज्जैन एवं जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम उज्जैन शामिल थे, द्वारा प्रस्तुत की गई थी। जुलाई 2023 के अंत में जांच दल मिलरों के गोदामों की जांच व भौतिक सत्यापन करने रीवा आया था।

बोरसे को ले डूबी लापरवाही

रीवा जिले से निलंबन का प्रमाण पत्र ले चलता बने तत्कालीन प्रबंधक नान रीवा पंकज बोरसे को ज्यादा चालाकी और लापरवाही दोनों ले डूबी। श्री बोरसे मिलरों एवं परिवहनकर्ताओं से एक तरफ भरपूर सेवा लेते थे और बेगारी कराते थे तो दूसरी तरफ उन पर आंखें भी तरेरते थे। बहरहाल मामला 78 हजार क्विटल चावल का है जो मिलरों ने दबा रखा है। इसे 60 करोड़ कीमत के चावल का घपला कहना अनुचित नहीं होगा ?

किसने कितना दबा रखा माल

मिलर्स शेष चावल

विकास ट्रेडर्स 37 लॉट

फेस फूड प्रोडक्ट 32 लॉट

एमएस एग्रो 31 लॉट

शिवा ट्रेडिंग 25 लॉट

तनिष्क फूड इण्डस्ट्रीज 18 लॉट

डीएसएस फूड इण्डस्ट्रीज 15 लॉट

आर. के. फूड एण्ड एगो 15 लॉट

आईबीएस एग्रो 08 लॉट

शिवा राइस मिल 08 लॉट

मातृछाया राइस मिल 06 लॉट

पनवार राइस मिल 05 लॉट

उपरोक्त 11 मिलरों ने 200 लॉट अर्थात् 78 हजार छिटल चावल जमा नहीं कराया है। प्रभारी जिला प्रबंधक डिप्टी कलेक्टर सिकरवार द्वारा मिलरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सिविल लाइंस पुलिस को 12 अक्टूबर 23 को आवेदन दिया था। कलेक्टर के आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कराई गई है। नागरिक आपूर्ति निगम रीवा ने 11 अक्टूबर 23 की ऑनलाइन रिपोर्ट को आधार बनाया है। नियत अवधि में यदि मिलरों ने चावल जमा करा दिया होता तो संभवत: उन्हें सरकारी अमानत में खयानत जैसे लांछन से दो- चार न होना पड़ रहा होता ?

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