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Manipur violence: सीएम बीरेन सिंह बोले – जनता का विश्वास अब भी मेरे साथ, कहा- स्थिति को संभालने के प्रयास जारी

मणिपुर। राज्य में में फेली हिंसा के बाद अक्सर मणिपुर के मुख्यमंत्री सुर्खियों में बने है। कांग्रेस से लगाकर हर विपक्ष का नेता भाजपा सरकार पर हमलावर है तो वही दुसरी और लगातार केंद्र सरकार इस पर नजर बनाए रखें है। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के मणिपुर दौरे के बाद राजनीतिक माहौल फिर तेज हो गया है। वही मुख्यमंत्री ने शनिवार को कहा कि जनता का विश्वास अब भी मेरे साथ है।

मणिपुर के सीएम बोले

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, मणिपुर के लिए राज्य और केंद्र सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। स्थिति को संभालने के प्रयास जारी हैं। फोर्स की 40 से ज़्यादा कंपनियां यहां आ चुकी हैं। खाद्य सामाग्री पर्याप्त मात्रा में है। रिलीफ कैंप में लोगों को पहुंचाने से लेकर बाकी काम हो रहे हैं।

जनता का विश्वास अब भी मेरे साथ

सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि, कुछ जगहों में भाजपा के दफ्तर और अन्य जगहों पर हमले हुए यह देखकर मुझे लगा कि 5-6 वर्ष में जो हमने मणिपुर के लिए किया शायद लोगों का समर्थन हमने खो दिया है। जिस कारण से मैंने यह(मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा) फैसला लिया लेकिन फिर मुझे एहसास हुआ कि जनता का विश्वास अब भी मेरे साथ है मैं जो सोच रहा था वैसा नहीं है। साथ ही उन्होने कहा कि, कल मैंने देखा कि मेरे लिए लोग आए, जनता का विश्वास अब भी मेरे साथ है। मैं लोगों का आभारी हूं। मणिपुर के लोगों के लिए मैं काम करता रहूंगा।


हमारी 398 किमी सीमाएं असुरक्षित

मीडिया ने सवाल कर पुछा कि, क्या राज्य में हुई हिंसा में किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन की भूमिका हो सकती है? इस सवाल पर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि, हम यह नहीं कह सकते हैं लेकिन मणिपुर म्यांमार का पड़ोसी है। पास में ही चीन है। हमारी 398 किमी सीमाएं असुरक्षित हैं। भारतीय सुरक्षा बल है लेकिन इतने बड़े इलाके की सुरक्षा नहीं की जा सकती… जो अभी हो रहा है उसे देखते हुए हम न तो इससे इनकार कर सकते हैं और न ही जोरदार तरीके से पुष्टि कर सकते हैं… यह पूर्व नियोजित लग रहा है लेकिन इसका कारण का खुलासा नहीं हुआ है।

राहुल गांधी के दौरे पर बोले

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मणिपुर दौरे पर सीएम ने कहा कि किसी नेता के आने पर हम रोक नहीं लगा सकते हैं, लेकिन 40 दिन हो चुके हैं वे पहले क्यों नहीं आए? उनके आने का समय मुझे ठीक नहीं लगता है। यह एक राजनीतिक एजेंडा लगता है। जिस दिन राहुल गांधी यहां आए, उस यहां दिन कई घटनाएं हुईं।

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