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PM मोदी ने जारी किया 75 रुपये का विशेष सिक्का, बोले नए संसद भवन में वास्तू, विरासत, कला, कौशल, संस्कृति और सविंधान

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नव निर्मित संसद भवन का उद्घाटन किया वही उनके साथ लोकसभा स्पीकर भी मोजुद रहे, साथ ही उद्घाटन होने के बाद लोकसभा में उपराष्ट्रपति,जगदीश धनखड़ व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संदेश को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने लोकसभा भवन में पढ़ा गया उसी के बाद पीएम मोदी ने लोकसभा में नए संसद भवन से स्मारक डाक टिकट जारी किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन से वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए 75 रुपए के विशेष सिक्के को भी जारी किया। साथ ही प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया।

पीएम मोदी बोले

नए संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन के दौरान कहा कि आज 28 मई 2023 का यह दिन ऐसा ही शुभ अवसर है। देश आज़ादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। आज सुबह ही संसद भवन परिसर में सर्व पंथ प्रार्थना हुई है। साथ ही कहा कि मैं सभी देशवासियों को इस स्वर्णिम क्षण की बहुत बधाई देता हूं। यह सिर्फ भवन नहीं है यह 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। यह हमारे लोकतंत्र का मंदिर है।

आजादी का अमृत महोत्सव

पीएम मोदी ने कहा कि देश आज़ादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। आज सुबह ही संसद भवन परिसर में सर्व पंथ प्रार्थना हुई है। मैं सभी देशवासियों को इस स्वर्णिम क्षण की बहुत बधाई देता हूं। यह सिर्फ भवन नहीं है यह 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। साथ ही कहा कि यह नया भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपने को साकार करने का साधन बनेगा। यह नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा। यह नया भवन विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धी होते हुए देखेगा। नए रास्तों पर चलकर ही नए प्रतिमान गढ़े जाते हैं। आज नया भारत नए लक्ष्य तय कर रहा है। नया जोश है, नई उमंग है, दिशा नई है, दृष्टि नई है।

राष्ट्रीय वृक्ष बरगद

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज नए संसद भवन को देखकर हर भारतीय गौरव से भरा हुआ है। इसमें वास्तू, विरासत, कला, कौशल, संस्कृति और सविंधान भी है। लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पंक्षी मोर पर आधारित है, राज्यसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है। संसद के प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है। साथ ही कहा कि आज इस ऐतिहासिक अवसर पर कुछ देर पहले संसद की नई इमारत में पवित्र सेंगोल की भी स्थापना हुई है। महान चोल साम्राज्य में सेंगोल को कर्तव्य पथ का, राष्ट्र पथ का प्रतीक माना जाता था। राजा जी और अधिनम के संतों के मार्ग दर्शन में यही सेंगोल सत्ता के हस्तातंरण का प्रतीक बना था।

श्रमिकों को मिला रोजगार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद के संसद भवन में मोजुद सांसंद व वरिष्ठ अतिथियो को संबोधित कर कहा की संसद भवन ने करीब 60,000 श्रमिकों को रोजगार देने का काम किया है। इनके श्रम को समर्पित एक डिजिटल गैलेरी भी बनाई गई है। आज जब हम लोकसभा और राज्यसभा को देखकर उत्सव मना रहे हैं तो मुझे संतोष है कि हमने देश में 30,000 से ज़्यादा नए पंचायत भवन भी बनाए हैं। पंचायत भवन से लेकर संसद भवन तक हमारी निष्ठा एक ही है सीथ ही कहा कि हमारे पास 25 वर्ष का अमृत कालखंड है। इन 25 वर्षों में हमें मिलकर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है।

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