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राहुल गांधी बोले नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति करे, खरगे बोले संवैधानिक मर्यादा का भाजपा कर रही अपमान

नई दिल्ली। भारतीय नया संसद भवन लगभग बन कर तैयार हो गया जिसका 28 मई को नवनिर्मित संसद का उद्घाटन प्रधानमंत्री के हाथों होना है वही 18 मई को लोकसभा सचिवालय ने जानकारी दी थी कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उनसे उद्घाटन का आग्रह किया था जिसको लेकर अब विपक्षी दल विरोध कर रहा है और उद्दघाटन के लिए राष्ट्रपति को बुलाने की बात की जा रही है।

राहुल गांधी ने कहा

कांग्रेस नेता व पूर्व लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने नए संसद भवन के उद्दघाटन को लेकर एक ट्वीट कर कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं। जिसके बाद राजनीति तेज हो गई है वही कांग्रेस राष्ट्रपति के हाथ नए नवनिर्मित संसद भवन का उद्दघाटन को लेकर मांग कर रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने किया ट्वीट

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी ट्वीट कर कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने भारत के राष्ट्रपति का चुनाव केवल चुनावी कारणों से दलित और आदिवासी समुदायों से सुनिश्चित किया है। जबकि पूर्व राष्ट्रपति श्री कोविंद को नई संसद के शिलान्यास समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था।

महामहिम राष्ट्रपति को नही बुलाया जा रहा

साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि भारत की राष्ट्रपति को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाया जा रहा है साथ हा लिखा कि भारत की संसद भारत गणराज्य की सर्वोच्च विधायी संस्था है, और भारत का राष्ट्रपति इसका सर्वोच्च संवैधानिक अधिकार है वह अकेले ही सरकार, विपक्ष और हर नागरिक का समान रूप से प्रतिनिधित्व करती हैं। वह भारत की प्रथम नागरिक हैं।

भाजपा पर कसा तंज

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि उनके द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा मोदी सरकार ने बार-बार मर्यादा का अपमान किया है। भारत के राष्ट्रपति का कार्यालय भाजपा-आरएसएस सरकार के तहत प्रतीकवाद तक सिमट गया है।

राष्ट्रपति को नही बुलाने पर विपक्ष हमलावर

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा की नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए। नई संसद के शिलान्यास के समय तत्कालीन राष्ट्रपति को नहीं बुलाया गया था और इस बार उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति मुर्मू को नहीं बुलाया गया है। वे (बीजेपी) कहते हैं कि हम एससी/एसटी को महत्व देते हैं, लेकिन उन्हें महत्व और सम्मान नहीं देते हैं जहां दिया जाना चाहिए।

संसद सदस्यो के बैठने की व्यवस्था

वही आपको बता दे की नई संसद की लोकसभा में 888 सदस्यों जबकी राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है वही बात करे वर्तमान के संसद भवन की तो इसमें 550 लोकसभा में जबकि राज्यसभा में 250 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है वही नए संसद भवन में सीटो को बड़ाया गया है।

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