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लोकायुक्त ने एसडीओ को बतौर कमीशन 20 हजार रिश्वत लेते पकड़ा, जानिए क्यों मांगा था कमीशन

रीवा। कमीशन के आरोपों से घिरी भाजपा सरकार की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। दरअसल कमीशन कांड के बाद लगातार प्रदेश में कमीशन के बतौर रिश्वत मांगने वाले लोक सेवक पकड़़े जा रहे है। इनसे चुनावी साल में सरकार की छवि खराब हो रही है। सतना में दूसरे दिन ही लोकायुक्त की टीम ने मैहर जनपद पंचायत में आरइएस के एसडीओ को बीस हजार रिश्वत लेते पकड़ा है। यह रिश्वत उन्होंने दो लाख रूपए का बिल स्वीकृत करने बतौर कमीशन मांगी थी।

लोकायुक्त के पुलिस अधीक्षक गोपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि ग्राम घुरवाई तहसील मैहर ने शिकायत की थ्ज्ञी अमृत सरोबवर तालाब का निर्माण कराने के लिए किए काम के दो लाख रूपए का बिल भुगतान लंबित है। इस लंबित भुगतान के लिए एसडीओ गिरीश कुमार मिश्रा जनपद पंचायत मैहर ने बीस हजार रूपए रिश्वत मांग रहे है। इस शिकायत के आधार पर लोकायुक्त की टीम ने गुरूवार को दोपहर जनपद पंचायत के एडीएओ कार्यालय में जैसे ही शिकायतकर्ता ने रिश्वत के बीस हजार रूपए दिए। लोकायुक्त की टीम ने एसडीओ को पकड़ लिया है। इसके बाद लोकायुक्त टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। लोकायुक्त की इस टीम को नेतृत्व जिया उल हक निरीक्षक ने किया है। इसके अतिरिक्त इस टीम 12 सदस्य शामिल रहें।


एक दिन पहले पकड़ा गया था जीएसटी निरीक्षक

बता दें कि एक दिन पहले बुधवार को सतना में जीएसटी निरीक्षक स्टेट जीएसटी कार्यालय सतना वृत्त क्रमांक 1 में पदस्थ टैक्स इंस्पेक्टर संतोष कुमार गुप्ता उर्फ एसके गुप्ता को लोकायुक्त संगठन रीवा की टीम ने बुधवार की शाम 2 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। रिश्वत की यह रकम टैक्स इंस्पेक्टर एसके गुप्ता ने खेमचंद शर्मा पिता बुधराम शर्मा निवासी पटियाला पंजाब से ली थी।लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह परिहार ने बताया कि खेमचंद शर्मा यहां कोटर रोड पर हार्वेस्टर एवं अन्य कृषि उपकरणों की एजेंसी चलाता है। उसे अपने शो रूम और जीएसटी नम्बर का वेरिफिकेशन कराना था। इसके लिए खेमचंद ने स्टेट जीएसटी के सर्किल 1 के कार्यालय में संपर्क किया तो टैक्स इंस्पेक्टर एसके गुप्ता ने 5 हजार रुपए की मांग की। बाद में सौदा 2 हजार रुपए में तय हुआ।

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