नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस एक तरफ जीत का जश्न मना रहीं तो वही दूसरी तरफ मुख्यमंत्री पद के लिए गहमागहमी जारी दिल्ली से लेकर कर्नाटक तक हाईकमान की हलचल तेज होती जा रही है तो वही सुन्नी उलमा बोर्ड ने अपनी अलग मांग रख दी है। सुन्नी उलमा बोर्ड के मुस्लिम नेताओं ने मांग की है कि कर्नाटक का एक मुस्लिम डीप्टी सीएम होना चाहिए। वही शनिवार को आए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस ने 135 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया है एवं बीजेपी को 66 सीटें मिली हैं जबकि जेडीएस के खाते में सिर्फ 19 सीटें आई हैं।
शाफी बोले कांग्रेस मुस्लिमों की वजह से ही जीती
सुन्नी उलमा वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शाफी सादी ने कर्नाटक कांग्रेस से मांग करते हुए कहा कि, ”हमने चुनाव के पहले ही कहा था कि डिप्टी सीएम मुस्लिम होना चाहिए और हमें 30 सीटें मुस्लिम उम्मीदवार को दी जाएं। हमको 15 सीट मिलीं और 9 मुसलमान उम्मीदवार जीतकर आए साथ ही शाफी ने कहा कि 72 विधानसभाओं में कांग्रेस केवल मुसलमानों की वजह से जीती एक समुदाय केजरीवाल रूप में हमने कांग्रेस को बहुत कुछ दिया है अब समय आ गया है कि हमें बदले में कुछ मिले। हम मुस्लिम डिप्टी सीएम और 5 मंत्री चाहते हैं, जो गृह, राजस्व और स्वास्थ्य जैसे अच्छे पोर्टफोलियो के साथ हों, यह कांग्रेस की जिम्मेदारी है कि वह इसके साथ हमारा शुक्रिया अदा करे। हमने इसे लागू करने के लिए सुन्नी उलेमा बोर्ड के साथ एक आपात बैठक की है।
सुन्नी उलमा बोर्ड कि मांग पांच मंत्री, एक डिप्टी सीएम
कर्नाट कांग्रेस सरकार से बोले शफी ने कहा, “यह निश्चित होना चाहिए। चुनाव से पहले ही यह हमारी मांग थी। इसे पूरा किया जाना चाहिए। हम केवल एक डिप्टी सीएम को मुस्लिम होने के लिए कह रहे हैं। सही मायने में तो एक मुस्लिम सीएम होना चाहिए क्योंकि कर्नाटक के इतिहास में कभी कोई मुसलमान मुख्यमंत्री नहीं रहा है. राज्य में 90 लाख लोग मुस्लिम हैं. अनुसूचित जाति के अलावा हम सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय हैं. हमें जो 30 प्लस सीटें चाहिए थीं, वे नहीं मिलीं, लेकिन हमें कम से कम एसएम कृष्णा के कार्यकाल की तरह पांच मुस्लिम मंत्री और अब डिप्टी सीएम चाहिए। हम यही चाहते हैं।