अल्फाबेट के स्वामित्व वाली कंपनी गूगल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) चैटजीपीटी को टक्कर देने की तैयारी कर रही है। कंपनी अपनी एआइ चैटबॉट सर्विस डेवलप कर रही है। इसे ’बार्ड’ नाम दिया है। कंपनी जल्द इसे सभी के लिए जारी कर सकती है। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने बताया कि कंपनी यूजर्स का फीडबैक लेने के लिए ’बार्ड’ की कन्वर्सेशनल एआइ सर्विस शुरू कर रही है। इसे लैम्डा (लैंग्वेज मॉडल व डायलॉग एप्लिकेशन) से संचालित किया जाएगा। लैम्डा गूगल का एआइ चैटबॉट है, जो इंसानों की तरह सोच सकता है। कंपनी ने इसे दो साल पहले पेश किया था। नया चैटबॉट ’बार्ड’ को लैंग्वेज मॉडल की पावर, बुद्धिमत्ता व रचनात्मकता के संयोजन से लैस होगा। टिकटॉक व इंस्टाग्राम को पछाड़ते हुए माइक्रोसॉफ्ट का चैटजीपीटी सबसे तेजी से बढ़ने वाली एप्लिकेशन है।
चैटजीपीटी को टक्कर देने के लिए गूगल ‘बार्ड’ की तैयारी में
यूजर्स के फीडबैक और वेब से ज्ञान
इंसान की तरह सोचने वाले गूगल के चैटबॉट लैम्डा से संचालन
‘बार्ड’ यूजर्स के फीडबैक और वेब पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर ज्ञान हालिस करेगा। कंपनी शुरू में लैम्डा के हल्के मॉडल वर्जन के साथ टेस्टिंग के लिए एआइ सिस्टम रोल आउट कर रही है। भविष्य में इस सिस्टम को और बेहतर बनाया जाएगा। गूगल ने हाल ही एंथ्रॉपिक में 40 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। दोनों कंपनियां की साझेदारी के तहत चैटजीपीटी जैसा एआइ टूल तैयार होगा।
चैटजीपीटी से कितना अलग होगा ’बार्ड’
गूगल के ’बार्ड’ और चैटजीपीटी में समानता के साथ अंतर भी है। चैटजीपीटी पहले से मौजूद डाटा के आधार पर सवालों के जवाब देता है, जबकि गूगल अपने एआइ को लैम्डा से संचालित करेगा। चैटजीपीटी सिर्फ 2021 तक की जानकारी दे सकता है। ’बार्ड’ हाल की घटनाओं के बारे में सवालों के जवाब देने में भी सक्षम है।