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हाथ से बने कालीन के बाजार में भारत ने चीन को दी पटखनी, 25 हज़ार करोड़ तक पहुंचेगा निर्यात

हाथ से बने कालीन के बाजार में भारत चीन को पीछे छोड़ते हुए और दुनियाभर में इसकी हिस्सेदारी 36.6% है, जबकि चीन की हिस्सेदारी केवल दुनिया का सबसे बड़ा खिलाड़ी है। भारत हैंडमेड कारपेट का सबसे बड़ा निर्यातक है 6% है। वहीं मशीन से बने कारपेट और टेक्सटाइल फ्लोर कवर के मामले में भारत चीन व तुर्की से काफी पीछे है। इस वजह से कुल कारपेट निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 11.5% है और चीन की हिस्सेदारी 19.5% है। जबकि तुर्की की हिस्सेदारी 17.8% है। भारत ने 2021-22 में 17,796 करोड़ रुपए के हैंडमेड कारपेट का निर्यात किया, जो इस साल 25,000 करोड़ रुपए के पार जाने की उम्मीद है, जबकि चीन में आई आर्थिक मंदी के कारण उसके निर्यात में भारी गिरावट का अंदेशा है और निर्यात 25,000 करोड़ रु. से कम रहने की उम्मीद है। भारत के हाथ से बने कालीन और टेक्सटाइल फ्लोर कवर का निर्यात 2022-23 में 40% बढ़ने की उम्मीद है।
इसलिए आगे बढ़ा भारत
कारपेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के पूर्व चेयरमैन महावीर शर्मा ने कहा, भारतीय बुनकरों की रचनात्मकता, कलर और डिजाइन ने इसे चीन के मुकाबले विदेश में ऊंचा मुकाम दिलाया है। भारतीय कारपेट इको-फ्रेंडली होने के साथ अच्छी क्वालिटी और दिखने में शानदार और मजबूत हैं। साथ ही चीन यूरोप और अमरीका के बाजारों की जरूरत समझने में विफल रहा है। इसलिए भारतीय कालीन की मांग बढ़ी है।
90% हाथ से बने कालीन होते हैं अमरीका जैसे देशों में निर्यात
20% बढ़ा 2021-22 में भारत के हैंडमेड कारपेट का निर्यात
5,000 से अधिक एमएसएमई काम करते हैं कारपेट सेगमेंट में
22 लाख से अधिक कारीगरों और बुनकरों को मिला है रोजगार इस सेक्टर में

चुनौतियां भी कम नहीं

ग्लोबल कारपेट इंडस्ट्री में भारत की बादशाहत है, लेकिन इसे सबसे बड़ी चुनौती मशीन से बने कारपेट से मिल रही है। यही वजह है कि चीन और तुर्की भारत को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। चीन और तुर्की में अधिकतर कारपेट मशीन से बनते हैं, जिन्हें बनाने में कम समय लगता है और ये सस्ते हैं। हाथ से बने कालीन को तैयार होने में 90 से 180 दिन लगता है, लेकिन मशीन से ये कारपेट 5 दिन में तैयार हो जाते हैं। जिससे की लागत भी 40% तक घट जाती है। मशीन से बनने वाले टेक्सटाइल फ्लोर कवर के क्षेत्र में भारत को काफी काम करना बाकी है, ताकि भारतीय उत्पादों की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में कम हो और बिक्री और बढ़े।
ये देश भारत से खरीद रहे कालीन
अमरीका (2020-21) 8486 (2021-22) 10,225 बढ़ोत्तरी- 20.5%
जर्मनी (2020-21) 880 (2021-22) 931 बढ़ोत्तरी- 5.81%
ब्रिटेन (2020-21) 703 (2021-22) 881 बढ़ोत्तरी 25.3%
(राशि करोड़ रुपए में)
देश हैंडमेड मशीन से कारपेट बने कारपेट

भारत 36.6 11.5
चीन 06 19.5
तुर्की 3.8 17.8

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