RBI: बिहार और झारखंड से गायब हुए 86 हजार करोड़ रूपए! 2 हजार के नोट से कनेक्शन बंगाल सरकार का खुलासा

Reserve Bank of India Big News: केंद्र सरकार ने देश में 2000 के नोटों का चलन बंद कर दिया है, यह नोटबंदी का 2.0 फेस है, जिसे केंद्र की भाजपा सरकार ने मई के महीने में लागू किया था। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की तरफ से 2000 के नोट को बंद करने के फैसले के बाद एक के बाद एक चौकाने वाली खबर सामने आई। एक तरफ जहां सरकार ने मुआवजे की रकम में 2000 के नोट बांट दिये, तो दूसरी तरफ सरकार द्वारा जारी किए गए नोटों के 80-85% हिस्से का कुछ आता पता ही नहीं है।

2000 रुपये के नोट थे, ये इतने नोट कहां से आए

दरअसल ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुRBIए भीषण ट्रेन हादसे के बाद केंद्र और राज्य की सरकारों ने पीड़ित परिवारों को मुआवजे का ऐलान किया। वही बंगाल सरकार ने भी हादसे में मारे जाने वाले परिवारों को 5-5 लाख रुपये व घायलों को एक-एक लाख रुपये देने की घोषणा की थी, मुआवजे की रकम बंट गई, जिसके बाद बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी सरकार पर आरोप लगाया कि पीड़ितों को मिले मुआवजे की राशि में 2000 रुपये के नोट थे, ये इतने नोट कहां से आए।

इसके बाद भाजपा सरकार के संदेह पर तृणमूल पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने उनसे पूछा था कि क्या 2000 के नोट मान्य नही हैं? बीजेपी सरकार ने 2000 के नोट को जारी किया था, यदि कोई किसी को इसे देता है तो यह अवैध या काला धन नहीं हो सकता है। वहीं साल 2019 में जब आरबीआई ने 2000 का नोट जारी किया था तो बिहार-झारखंड को 90 हजार करोड़ मूल्य के 2000 रुपये के नोट दिए थे, लेकिन नोटबंदी के बाद अभी तक केवल 5-6 हजार करोड़ मूल्य के ही नोट बैंकों में वापस आए हैं, लगभग 80-85 हजार करोड़ मूल्य के 2000 के नोटों का कोई अता-पता नही है।