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Split AC: रात भर सोते समय AC चलना सेहत के लिए सही या नहीं, जान ले कही बीमार ना पड़ जाए

भीषण गर्मी के कारण लोग अपने घर में कूलर व एसी का इस्तेमाल करता है लेकिन इन दिनों गर्मी इतनी बढ़ गई है कि कूलर से काम ही नहीं चलता इसलिए मध्यम वर्ग के लोगों ने भी अपने घर में एसी इंस्टॉल कर लिया है लेकिन क्या आपको पता है कि जो आपको इतना आराम देता है वह आपके स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक हो सकता है. जी हां यह सुनने में काफी अटपटा लग रहा होगा लेकिन यह बात सौ टका सच है.


क्योंकि एसी के तापमान के कारण आपका स्वास्थ खराब हो सकता है. जिससे आपको काफी परेशानियां भी हो सकती है. अगर आपके भी घर में ऐसी है तो आपको यह जानना आवश्यक है की ऐसी से आपको क्या परेशानी हो सकती है.


23 डिग्री सेल्सियस भी सोने के लिए अच्‍छा तापमान

दरअसल, मेडिकल न्यूज की माने तो गहरी नींद के लिए आइडियन एसी टेंपरेचर 18 डिग्री सेल्सियस होता है. किंतु कुछ लोगो को इससे ज्यादा और इससे कम भी डिग्री पसंद है. हालांकि यदि आपके एसी का टेंपरेचर 15.6 से 19.6 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है, तो यह आपके लिए अच्छा साबित हो सकता है. इसके साथ ही 23 डिग्री सेल्सियस भी सोने के लिए अच्‍छा तापमान बताया गया है.


ऐसा नहीं है कि ऐसी सोच केवल आपको नुकसान ही हो इससे कुछ आपको फायदे भी होते हैं जैसे कि डिहाइड्रेशन, हीट स्‍ट्रोक, थकान आदि से भी फायदा हो सकता हैं. इसके साथ ही ऐसी का इस्तेमाल करके आप पोलेन, माइक्रोब्‍स, बैक्‍टीरिया आदि से दूर रहते हैं. जिससे अस्‍थमा, स्‍वांस तंत्रिका संबंधित बीमारियों नहीं होती है.


23°C की तुलना में 15°C और 18°C के तापमान में नींद की क्‍वालिटी खराब

जानकारी के लिए बता दे कि यदि आप ऐसी को डेली बेसिस पर साफ करते हैं तो आपको ऐसी से संबंधित कोई भी बीमारी लेकिन एसी यूनिट के मेंटेनेन्‍स पर ध्‍यान न देने से बता दें कि आपके एसी में डस्‍ट, बैक्‍टीरिया, जर्म, फंगस हो जाते हैं.


जिससे हमारे स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ता है और इससे बचने के लिए एसी फिल्‍टर आदि को क्‍लीन कराना बहुत आवश्यक है. क्‍लीनिंग न होने की वजह से एलर्जी, बैक्‍टीरिया आदि हो सकता है.


दरअसल, 2021 एनिमल पर किए गए एक रिसर्च में पता चला है कि 23°C की तुलना में 15°C और 18°C के तापमान में नींद की क्‍वालिटी खराब होती है और बार बार नींद टूटना, गहरी नींद ना आने जैसे दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही कम तापमान की वजह से ब्‍लडप्रेशर और हार्ट रेट बढ़ने की प्रॉब्लम हो सकती है.

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