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UPNL Lay Off: 7,000 से अधिक कर्मचारियों की नौकरी में लटकी तलवार, हटाने की तैयारी सैलरी भी रुकी

UPNL Lay Off: यूपीएनएल के कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण सूचना! दरअसल शासन द्वारा विभागीय स्तर पर स्वीकार किए गए पड़ा और बिना स्वीकार किए गए पद के आउटसोर्स से नियुक्त कर्मचारियों के सैलरी से संबंधित विषय पर विभागीय स्तर पर जांच के निर्देश जारी किए गए हैं. बता दे कि अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन द्वारा जारी किए गए निर्देश के बाद कर्मचारियों की सैलरी रोक दी गई है. जबकि पूरे आहरण वितरण अधिकारियों से कर्मचारियों के सैलरी के संदर्भ में ब्योरा मांगा गया है और ठीक इसी तरह से दूसरे विभागों द्वारा भी उपनल कर्मचारियों की जानकारी तलब किया गया है.


जारी किए गए निर्देश में कहा गया है कि, “मानक मद आठ के तहत संविदा, अनुबंध या बाह्य सेवा प्रदाता एजेंसी जैसे उपनल, पीआरडी के माध्यम से स्वीकृत पदों के सापेक्ष कार्यरत कर्मचारियों को ही पारिश्रमिक के भुगतान की व्यवस्था है.


बकि मानक मद 27 के तहत स्वीकृत पदों के सापेक्ष आउटसोर्स से लगे कर्मचारियों को पारिश्रमिक के भुगतान की व्यवस्था नहीं है. इस मद से केवल सफाई व्यवस्था, सुरक्षा या बागवानी संबंधी सेवाओं के लिए भुगतान किया जाएगा.”


इसके साथ ही आदेश में कहा गया है बनाए गए व्यवस्था के विरुद्ध कुछ विभागों द्वारा व्यय को गलत तरीके से बाटा गया है. बता दें कि उपनल कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद गोदियाल के अनुसार प्रदेश के अलग अलग विभागों में वे कर्मचारी तैनात है जिन्हे स्वीकृति पद हासिल भी नही है. वहीं जारी किए गए निर्देश के बाद वन विभाग द्वारा 250 कर्मचारियों की सैलरी रोक दी गई है.


वहीं इस निर्देश की वजह से अलग अलग विभागों में उपनल के सात हजार से ज्यादा कर्मचारियों की सेवाएं खत्म हो रही है, जिसमें ज्यादातर कर्मचारी वन विभाग, राज्य कर, कृषि, ग्राम्य विकास एवं स्वास्थ्य विभाग सम्मानित है.


वेतन के विषय पर ट्रैजरी द्वारा कहा गया है कि, “कितने कर्मचारी पद के सापेक्ष हैं इसका प्रमाण दें तभी वेतन मिलेगा. सभी कर्मचारियों की सूचना मिलने के बाद इसे शासन को भेजा जाएगा.”


इसके अलावा आपको ब्रिगेडियर जेएनएस बिष्ट (सेनि.), प्रबंध निदेशक, उपनल का कहना है की, “वन एवं कुछ अन्य विभाग उपनल से कर्मचारियों को रख लेते हैं फिर बाद में बजट न होने की बात कहकर उन्हें हटा देते हैं, जो ठीक नहीं है. अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन का आदेश अभी मुझे नहीं मिला, हालांकि इसके बारे में मुझे किसी से सूचना मिली है.”

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