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Rewa के अनुभव दुबे सालाना टर्नओवर पहुंचा 150 करोड़ तक, Chai Sutta Bar अब कई देशों में पहुंचा

चाय सुट्टा बार के बारे में सुना होगा जो भी लोग चाय के दीवाने होते हैं। उन्होंने यह नाम जरूर सुना होगा क्योंकि हमारे देश में कई जगहों पर इस की फ्रेंचाइजी खुली हुई है। आपको बता दें कि यह एक आठवीं पास लड़के ने शुरू की थी जिसके बाद वह बाहर पढ़ने चला गया था और जब उसने चाय के बिजनेस को देखा और जाना कि किस तरह से लोग चाय के ठेले पर इतनी ज्यादा भीड़ लगाते हैं तब उसे यह आईडी आया कि उसे भी एक चाय का बिजनेस शुरू करना चाहिए। जिसके बाद उसने चाय सुट्टा बार की शॉप खोली जिसके बाद यह आज के डेट में कितनी बड़ी शॉप बन चुकी है जिस की फ्रेंचाइजी बहुत सी जगहों पर आज है।

मध्य प्रदेश का एक छोटा सा शहर है। रीवा जहां के रहने वाले हैं अनुभव जिन्होंने चाय सुट्टा बार की शुरुआत की है। बता दे कि चाय सुट्टा बार के शुरुआत करने वाले अनुभव दुबे इंदौर में पढ़ाई कर रहे थे। तब उन्हें यह आइडिया आया कि उन्हें भी एक चाय के स्टॉल लगानी चाहिए और चाय से ही बिजनेस बढ़ाना चाहिए। जिसके बाद उन्होंने चाय सुट्टा बार नाम की एक दुकान खोली बता दे कि सबसे पहले उन्होंने चाय सुट्टा बार कि यह शॉप एक सीमेंट के शॉप पर शुरू की थी.बता दे कि धीरे-धीरे मेहनत करते करते चाय सुट्टा बार कि यह शॉप बहुत ही ज्यादा चलने लगी और देश के कई जगहों पर इस की फ्रेंचाइजी भी मिलने लगी। जिसके बाद इस शौक ने पूरे भारत में एक पहला चाय ब्रांड और एक अलग पहचान बना ली।

अनुभव दुबे की स्ट्रगल स्टोरी के बारे में बात करें तो आपको बता दें कि आठवीं कक्षा तक पढ़ाई करने के बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए इंदौर चले गए। जहां पर उन्होंने कॉमर्स से भी काम किया है। इसके बाद उन्होंने आई आई एम में एडमिशन के लिए क्या की तैयारी भी की लेकिन अंग्रेजी कमजोर होने के कारण वे यह नहीं कर पाए और उन्हें यह छोड़ना पड़ गया। उसके बाद उन्होंने सिविल सर्विसेस की भी तैयारी की, लेकिन उसमें भी उन्हें और सफलता हासिल हुई। उसके बाद उन्होंने बिजनेस का सोचा जिसके बाद उन्होंने चाय के बिजनेस के बारे में सोचा और देखा कि किस तरह से लोग चाय के स्टॉल पर भी लगा कर खड़े रहते हैं। इसके बाद उन्होंने यह बिजनेस शुरू करने के लिए अपने दोस्त आनंद नायक से पैसे मांगे थे।

बता दे की अनुभव दूबे ने अपना सबसे पहला चाय का स्टाल इंदौर के भावरकुवा में लगा था.शुरुआती दिनों में पैसे की कमी होने के कारण उन्होंने अपना यह स्टाल एक सीमेंट के गोदाम में शुरू किया था। जहां पर से उन्होंने अपने चाय को बेचना शुरू किया। अधिकांश ग्राहक तो छात्र ही हुआ करते थे। इसके बाद उनके चाय बहुत ज्यादा बिकने लगी। उन्होंने अपने चाय के स्टॉल को एक नया नाम देने की सोच है जिसके बाद उन्होंने एक हटकर नाम सोचा, जिसका नाम रखा गया। चाय सुट्टा बार।

वैसे तो चाय सुट्टा बार में केवल चाय भी उपलब्ध कराई जाती थी और ना ही किसी तरह के सुधार है, लेकिन इसके नाम से ही कई लोग आकर्षित होकर यहां पर चाय पीने आते थे। साथ ही यहां की चाय भी बहुत स्पेशल होती थी जिसके कारण लोग यहां पर खींचे चले आते थे। ज्यादातर लोग यहां पर छात्र होते थे जो कि कॉलेज से आते थे जिसके कारण अनुभव का बिजनेस बहुत ही ज्यादा बढ़ता चला गया।

वही बात करें चाय सुट्टा बार के आउटलेट की तो आज के समय में देश दुनिया में चाय सुट्टा बार के 470 आउटलेट्स हो गए हैं। इसके बाद दुबई नेपाल ओमान लंदन यूके यूएसए कनाडा में भी इसके आउटलेट शुरू किए जा रहे हैं। बता दें कि 28 वर्षीय अनुभव का यह कहना है कि उनके साथ 2500 लोग फ्रेंचाइजी लेकर अभी फिलहाल में काम कर रहे हैं। सभी आउटलेट्स को मिलाकर सालाना टर्नओवर उनका डेढ़ सौ करोड़ के आसपास का होता है।

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