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Ratan Tata ने दी मिडिल क्लास लोगों को बड़ी राहत, टाटा बनाएगी iPhone अब कौड़ियों के दाम में खरीद सकते है Apple का फोन

भारत देश के बड़े औद्योगिक घराने से ताल्लुक रखने वाले टाटा ग्रुप का बिजनेस अब कई क्षेत्रों में फैल चुका है। बहुत जल्द ही कंपनी आईफोन बनाने का काम भी करने जा रही है। उसकी एप्पल की सप्लायर विस्ट्रॉन क्रॉप से बातचीत चल रही है और कयास लगाया जा रहा है कि अगस्त तक दोनों कंपनियों के बीच डील हो सकती है। अगर यह डील हो जाती है तो टाटा ग्रुप आईफोन असेंबल करने वाली भारत की पहली कंपनी बन जाएगी। विस्ट्रॉन का प्लांट कर्नाटक में है। ब्लूमवर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार इसकी वैल्यू $60 करोड़ डॉलर से ज्यादा हो सकती हैं। इसमें आईफोन 14 मॉडल की असेंबलिंग की जाएगी और 10,000 से ज्यादा वर्कर काम करेंगे.


कम से कम 1.8 अरब डॉलर के आईफोन बनाने का गोल

ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन ठेके पर इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स बनाती है। विस्ट्रॉन इस फाइनेंशियल ईयर में फैक्ट्री में कम से कम 1.8 अरब डॉलर के आईफोन बनाने का गोल रखा है। ताकि उसे सरकारी इंसेंटिव मिल सके। कंपनी ने इसके साथ ही अगले वर्ष तक अपने वर्कफोर्स को 3 गुना बढ़ाने का गोल रखा है। विस्ट्रॉन भारत में आईफोन बिजनेस से निकालना चाहती है.


टाटा ने इसको खरीदने में अपनी दिलचस्पी दिखाई है। बता दे टाटा विस्ट्रॉन और एप्पल के प्रवक्ताओं ने इस पर टिप्पणी करने से पूरी तरह मना कर दिया है। सूत्रों के अनुसार कंपनी ने एप्पल के कामकाज से पूरी तरह बाहर निकलने का निर्णय किया है। और उसका फोकस दूसरे बिजनेस पर रहने वाला है कंपनी भारत में अपने प्रोडक्ट से इतर दूसरी संभावना तलाशेगी।


तमिलनाडु में कंपनी की फैक्ट्री में आईफोन

सरकार कंपनियों को अपने उत्पादन और रोजगार में वृद्धि के लिए इंसेंटिव दे रही है। कोरोनावायरस की वजह से पैदा हुई पूर्ति की दिक्कतों और अमेरिका तथा चीन के बीच बढ़ते हुए तनाव की वजह से इंटरनैशनल कंपनियां चीन पर अपनी निर्भरता कम करती जा रही है।


ऐसी स्थिति में भारत में इन्वेस्ट के लिए पसंदीदा देश बनकर सामने आ रहा है। टाटा ग्रुप में हाल-फिलहाल में इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्शन में अपनी एंट्री की है। तमिलनाडु में कंपनी की फैक्ट्री में आईफोन का चेसी यानी डिवाइस का मैटर बैकबोन बनाती है। इसके साथ ही कंपनी में चिप बनाने में भी अपना हाथ आजमाया है।

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