रीवा। एमपी में अफसर बेखौफ है। मोहन सरकार की सख्ती व कार्रवाई से भी उनके रवैया में कोई बदलाव नहीं है। अब उपमुख्यमंत्री के गृह जिले में एसडीओपी की अवैध वसूली का कारनामा सामने आया है जिसने पुलिस अफसर की साख पर सवाल खड़े कर दिया है।
गत दिनों बैठुंकपुर थाने में नवागत सिरमौर एसडीओपी ने पहले एक प्रतिष्ठित व्यक्ति को गांव से उठाकर थाने में पांच घंटे तक बैठाए रखा था। इसके बाद तीस हजार रूपए लेने के बाद रात 9 बजे छोड़ दिया है। इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि वह जिसे थाना में अपराधियों की तरह पांच घंटे तक बैठाए रखा उस पर कोई अपराध दर्ज नहीं है।
बता दें कि नवागत सिरमौर एडीओपी ने 25 जनवरी को लालगांव निवासी विजयबहादुर सिंह को लगभग दोपहर 3 बजे उनके घर से उठाकर थाने ले आए ,जहां उनकों पांच घंटे तक थाना में बैठाए रखा। इस दौरान उनके पूरे परिजन परेशान रहे। साथ ही एसडीओपी को अपने बेकूसर होने का प्रमाण देते रहे है लेकिन वह कुछ सुनने को तैयार नहीं थे।
इसके बाद रात 8 बजे एसडीओपी ने उन्हें छोडऩे के बदले तीस हजार की मांग रख दी। ऐसे में परिजनों के होश उड़ गए है। अवकाश होने के कारण रात में उन्होंने अपने नजदीकी लोगों से पैसा मांगा कर एसडीओपी को देने के बाद वह घर वापस लौट पाए है। हालांकि एसडीओपी ने अपनी पावर बताते हुए नसीहत दी है कि घटना की जानकारी व शिकायत करने पर कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
बस इतनी सी थी बात
घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि विजय बहादुर सिंह का बेटा अपने स्कार्पियों वाहन से जा रहा था, वाहन में काली फिल्म लगी देखकर एसडीओपी ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन उनका बेटा पुलिस की डर से वाहन लेकर भागने लगा। इस पर एसडीओपी ने वाहन का पीछा करते हुए घर पहुंचे । जहां उन्होंने ने वाहन की तलाशी ली। इसके बाद पिता ने उन्हें पूरी जानकारी दी, लेकिन वह अभद्रता करते हुए पिता को पुलिस वाहन में बैठाकर थाने ले आए।