इंदौरक्राइममध्य प्रदेश

रेलवे की नौकरी फर्जी ज्वाइनिंग लोगों से 35 लाख रुपए ठगे, ऐसे हुआ खुलासा

विंध्य भास्कर डेस्क । रेलवे में नौकरी दिलाने कि लि बेरोजगारों से 35 लाख रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। इस मामले के बाद डीआरएम ने ज्वाइनिंग लेटर को सील कर दिया है और मामले की जांच ष्षुरु कर दी है। वहीं इस मामले में दो आरोपियों को पकड़ा है। आरोपी रेलवे रिक्रूटमेन्ट बोर्ड का अधिकारी बताकर लोगों को अपने झांसे में लेते थे;। यहां तक कि पीड़ितों का भरोसा जीतने के लिए रेलवे स्टेशन भोपाल का ट्रेनिंग के नाम पर बिजिट भी कराया।घटना के बाद से आरोपी कोटा, राजस्थान में एफएनबी बेकरी में जॉब करने लगा था। मामले में सरगना के सहयोगी को भी गिरप्तार किया है। एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच शैलेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि श्रीनाथ पुरम कॉलोनी कोटा, राजस्थान निवासी नीरज नेल्सन बेथे पिता नेमुअल जोसफ बेथे (33) को गिरफ्तार किया गया है। वह फाइनेंस का काम करता है। आरोपी के पास से पुलिस ने एक लैपटाप, रेलवे अधिकारी की 2 सीलें बरामद की है। उसके साथ ही सरगना के सहयोगी संदीप दास को भी पुलिस ने पकड़ा है।

इंदौर के युवक ने की षिकायत

इंदौर निवासी प्रीतपाल सिंह बाधवा ने क्राइम ब्रांच को लिखित शिकायत आवेदन दिया था। इसमें पुलिस को बताया कि वर्ष 2020 में एक परिचित संदीप दास ने मेरे पुत्र प्रतीक को नीरज नेल्सन ब्रेथे से परिचय कराया था। नीरज ने खुद को रेल्वे रिक्रूटमेन्ट बोर्ड अधिकारी बताया। वह मेरे पुत्र को रेलवे विभाग में नौकरी दिलवाने के नाम पर मुझसे 8 लाख 35 हजार रुपए ले लिए। इसके बाद मेरे बेटे के नाम से एक फर्जी अपॉइंमेन्ट लेटर जिस पर फर्जी हस्ताक्षर कर सील भी लगी हुई थी उसे दे दिया। सैलरी के लिए बैंक अकाउंट भी खुलवाया। इसमें 4 माह तक बेटे के अकाउंट में वेतन डाला गया। वर्ष 2021 में पता चला कि बेटे की नियुक्ति फर्जी है। जब नीरज नेल्सन बेथे को फर्जी नियुक्ति के बारे में बताया तो बोला कि आपके पैसे वापिस कर दूंगा। आप शिकायत न करें। लेकिन उसने पैसे वापस नहीं किए। नीरज नेल्सन उस समय रायल होम्स सुख सागर फेस -4 करोंद में रहता था।

हॉलीबुड की फिल्मों से सीखा ठगी का तरीका

आरोपी पूर्व में हाइपर सिटी नामक स्टोर पर काम करता था। जॉब से वह संतुष्ट नहीं था। हॉलीबुड की फिल्मों से प्रेरित होकर रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी करने का प्लान बनाया। इसके लिये उसने लैपटाप, प्रिंटर खरीदा। इसके बाद रेल्वे से नियुक्ती संबंधी आदेशों एवं रेल्वे में उपयोग की जाने वाली आईकार्ड के नमूनों को इंटरनेट में तलाश कर आदेश व आई कार्ड का ड्राफ्ट तैयार किया। इसके बाद उसने बेरोजगार लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगना शुरू कर दिया।

इनसे हुई ठगी

क्राइम ब्रांच ने दावा किया कि इंदौर निवासी राहुल, आतिश, प्रदीप, प्रतीक, अंजली, शिल्पी, प्रतीश, आनंद, आशीष, बैतूल निवासी महेश, खंडवा निवासी आशुतोष के साथ भी ठगी कर चुके हैं। पुलिस इन पीड़ितों के भी बयान ले रही है। पुलिस को आशंका है आरोपी ने 15 लोगों को के अलावा अन्य लोगों के साथ भी ठगी कर चुका है।

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