क्राइममध्य प्रदेश

Nirbhaya Singh Gurjar: जहां जाता वहा करता बलात्कार, चंबल के सबसे खतरनाक डकैत निर्भय सिंह गुर्जर के शुरुआत से अंत तक की कहानी

Rajasthan news: चंबल के डकैत का एक समय में देशभर में खौफ रहता था। इन्ही में एक खतरनाक डकैत जिसका नाम था निर्भय सिंह गुर्जर जो चंबल के बीहड़ में रहता था। निर्भय सिंह गुर्जर एक नंबर का अय्याश और रंगबाज किस्म का इंसान था। इस चंबल के बीहड़ में उसके साथ 3 औरते रहते थी, जिसको निर्भय सिंह ने अपहरण कर के रखा था।

निर्भय सिंह गुर्जर को उसके हालत ने बंदूक उठाने को मजबूर किया था। निर्भय सिंह गुर्जर का जन्म उत्तर प्रदेश के ओरिया में 1961 में हुआ था। इस डकैत के 5 बहने और 1 भाई था। वही इस डकैत के पिता जी के पास 7 से 8 बीघा भूमि थी। उस दौर में सिंचाई के साधन बेहद कम थे। जिसके कारण पैदावार भी कम रहती थी। जिसके कारण घर में आर्थिक स्थिति सही न हों पाने के कारण निर्भय के मामा ने उसके पिता को गंगदासपुर गांव बुला लिया , जहा उनको कुछ भूमि भी देने की बात कही। इसके बाद निर्भय के पिता ने अपने पूरे परिवार के साथ ससुराल जा कर बस गए।

सब कुछ सामान्य सा चल रहा था किंतु गंगदसपुर के रहने वाले लोगो को मान सिंह का ससुराल में रहना अखरता था। इस बात को लेकर गांव के लोग निर्भय के मामा से झगड़ा करते थे। पूरा गांव निर्भय के मामा के खिलाफ थे वही कुछ लोग उनकी जमीन भी हड़प लेना चाहता थे। यही से निर्भय सिंह गुर्जर की डाकू बनाने की कहानी शुरू हुई।

इसके बाद निर्भय सिंह बागी बनता चला गया, 25 साल की आयु में जालौना जिले के चुरकी गांव में निर्भय ने एक अमीर व्यक्ति के घर पर डाका डाला लेकिन पुलिस ने उसे डाका डालते पकड़ लिया। पुलिस ने जमकर निर्भय सिंह गुर्जर पर लाठी बरसाई और उससे जेल में बंद कर दिया।इसके बाद जेल से छूटने के बाद निर्भय ने सीधे चंबल के डाकू लालाराम को गुरु मानकर कई अपहरण और सनसनी वारदातो को अंजाम दिया।

इसके बाद डाकू लालाराम ने निर्भय सिंह गुर्जर की शादी गैंग में ही काम करने वाली एक महिला सीमा परिहार से करा दी। जिसके 2 साल बाद सीमा परिहार ने निर्भय सिंह को अपने समूह से बाहर निकल दिया। सीमा परिहार को गुर्जर की सच्चाई का पता चल गया था की गुर्जर जिस भी गांव में जाता उस गांव की औरत के साथ बलात्कार करता था जिसके बाद उसने इससे सभी तरह के संबंध तोड़ लिए थे।

जैसे जैसे वक्त बीतता गया गुर्जर ने अपहार और लूटपाट करके अच्छा पैसा जमा कर लिया था। इसके बाद उसने खुद के गैंग का निर्माण किया जिसमे 60 लोगो का समूह था। उन सभी के पास 315 बोर की बंदूक के साथ साथ एके 47 और एके 56 जैसे खतरनाक हथियार थे। वही स्थानीय पुलिस में भी डाकू निर्भय सिंह गुर्जर का काफी खौफ था।

डाकू निर्भय सिंह गुर्जर डकैत के साथ साथ लड़कियों को अगवा भी करता था जिसके कारण उसने 13 वर्ष की नीलम गुप्ता को अगवा का उससे शादी कर ली। कुछ वक्त बाद उसने एक और लड़की को अगवा किया जिसका नाम था सरला उसने सरला की शादी गोद लिए बेटे श्याम से कर दी। इसके बाद श्याम ने सरला को निर्भय सिंह गुर्जर के साथ अश्लील हालत में देख लिए जिसके बाद से उसने गैंग से बगावत करना शुरू कर दिया।

इस बीच निर्भय का बेटा श्याम और नीलम एक दूसरे से प्यार करने लगे थे। वर्ष 2005 में नीलम और श्याम ने गुर्जर का सारा पैसा लेकर फरार हो गए थे। इसके बाद श्याम की बीवी से गुर्जर ने शादी कर ली। इसके बाद श्याम और नीलम ने पुलिस को सरेंडर कर दिया और डाकू निर्भय सिंह गुर्जर के सभी खुफिया ठिकाने का राज बता दिया जिसके बाद पुलिस ने रणनीति बनाकर चंबल के डाकू निर्भय सिंह गुर्जर को ढेर कर दिया।

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