क्राइम

ममता हुई शर्मसार पैसो के लिए पहले अपनी बेटी का करवाया रेप, फिर हॉस्पिटल में 4 साल में 8 बार बेचे अपने एग

तामिलनाडु में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जहां मां ने अपनी ही बेटी का दुष्कर्म कराया। दुष्कर्म कराने के बाद उसके एग्स का सौदा कर दिया। जानकारी के अनुसार पीड़िता की मां का दोस्त पहले उसके साथ दुष्कर्म करता था और फिर उसके एग्स को असप्ताल में बचेता था। नाबालिग की शिकायत पर महिला और उसके दोस्त को गिरफ्तार कर लिया गया है। पीड़िता ने के मुताबकि नाबालिग के साथ दुष्कर्म का ये सिलसिला 2017 से चल रहा था। पिछले 4 साल में 8 से ज्यादा बार उसकी कोख का सौदा किया गया है।

हॉस्पिटल में एग 20 हजार रुपए में बिकता था

लड़की ने बताया कि हर बार प्रेग्नेंट होने के बाद एग बेचने पर हॉस्पिटल से 20 हजार रुपए मिलते थे। इसमें से 5 हजार रुपए एक महिला कमीशन के रूप में लेती थी और बाकी पैसे मां और उसका दोस्त रखता था। ऐसा साल में दो बार किया जा रहा था। संदेह है कि ऐसा IVF के लिए किया जा रहा था।

IVF तकनीक में भ्रूण रिसीवर महिला के गर्भ में इंप्लांट कर दिया जाता है। ज्यादातर मामलों में ऐसा तब होता है जब एक महिला अपने एग्स की वजह से मां बनने में असफल हो रही हो। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एग्स डोनेट करने के बाद महिला मानसिक रूप से प्रभावित हो सकती है।

लड़की की शिकायत पर हुआ एक्शन

लड़की के माता-पिता 10 साल पहले अलग हो गए थे, जिसके बाद वह अपनी मां के साथ उसके पुरुष दोस्त के यहां रहती थी। कई साल से हैवानियत झेल रही लड़की मई में अपने घर से भागकर अपने दोस्त के पास चली गई थी। लड़की ने दोस्त को आपबीती सुनाई, जिसके बाद उसके दोस्त और कुछ रिश्तेदारों ने मिलकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने लड़की की मां और उसके पुरुष दोस्त को गिरफ्तार कर लिया है।

देश में मानव भ्रूण के व्यापार पर प्रतिबंध

दिसंबर 2021 में पास हुए असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (रेगुलेशन) यानी ART बिल के मुताबिक, मानव भ्रूण के व्यापार को अपराध माना गया है। पहली बार अपराध करने पर 5 से 10 लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है। इसके बाद अपराध करने पर आठ से 12 वर्ष की कैद और 10 से 20 लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा दोनों पक्षों (डोनर और रिसीवर) में लिखित अनुबंध होना अनिवार्य है।

राज्य सरकार ने जांच कमेटी बनाई

राज्य के स्वास्थ्य सचिव ने मीडिया को बताया कि इस केस की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है। अभी तक पॉक्सो एक्ट, आधार दुरपयोग समेत IPC की धारा 420, 464, 41, 506 (ii) के तहत केस दर्ज किया गया है। इस मामले में बांझपन के बढ़ते केस के एंगल से भी जांच की जाएगी।

इस मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस केस में कुछ डॉक्टरों और दलालों की पहचान की गई है। उन पर भी एक्शन लिया जाएगा। वहीं, स्वास्थ्य अधिकारियों ने लड़की की काउंसिल शुरू कर दी है।

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