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इंदौर अग्निकांड : एकतरफा प्यार में लड़की को सबक सिखाने के लिए वारदात को अंजाम दिया था अंजाम

इंदौर: सिरफिरे आशिक की करतूत से शहर के विजय नगर क्षेत्र की स्वर्णबाग कॉलोनी में जी प्लस 2 बिल्डिंग में शुक्रवार देर रात हुए भीषण अग्निकांड में सात लोग जिंदा जल गए। नौ लोग घायल हुए, जिनमें से पांच लोगों का उपचार किया गया। दो लोग आग से बचने के लिए बिल्डिंग से कूदकर गंभीर घायल हो गए। कुछ की मौत झुलसने तो कुछ की दम घुटने से हुई है। दोपहर तक पुलिस इसे हादसा मान रही थी, लेकिन सामने के मकान में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से हकीकत उजागर हुई। पुलिस ने आग लगाने वाले आरोपी संजय दीक्षित पर पहले 30 हजार रुपए का इनाम घोषित किया। शनिवार देर रात उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसने एकतरफा प्यार में लड़की को सबक सिखाने के लिए वारदात को अंजाम दिया था।

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इंदौर स्वर्णबाग कॉलोनी के अग्निकांड का खौफ कई घंटे बाद भी लोगों के चेहरे पर साफ नजर आ रहा था। घटना के करीब 14 घंटे बाद पुलिस अधिकारी जांच के लिए पहुंचे तो अंदर बिल्डिंग गर्म थी। अधिकारियों ने बिल्िडिग को खतरनाक मान लिया है।

शुक्रवार रात करीब 3 बजे बिल्डिंग में आग लगी थी। शनिवार शाम करीब 5 बजे पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र, डीसीपी संपत उपाध्याय आदि अफसर बिल्डिंग में पहुंचे। अधिकारी अंदर गए तब भी फर्श गर्म लग रहे थे। प्लास्टर निकल गए थे, कॉलम के सरिए नजर आ रहे थे। पीडब्ल्यूडी के अफसरों का भी कहना था कि बिल्डिंग खतरनाक हो गई है, यहां कभी भी हादसा हो सकता है। सभी किराएदारों की जानकारी पुलिस को नही दी गई थी। साथ ही आग बुझाने की व्यवस्था नहीं करने जैसी कई लापरवाही सामने आई है। नक्शे आदि दस्तावेज मांगे हैं।

युवती बिस्तर में छिपी लेकिन बच नहीं सकी
टीआइ तहजीब काजी के मुताबिक, बिल्डिंग के ऊपर टॉवर का गेट बंद था। एक युवक वहां तक पहुंचा लेकिन संभवत: गेट नहीं खुला और वह वहीं गिरकर मर गया। एक युवती कमरे में बिस्तर में छिप गई थी, लेकिन बच नहीं पाई। दम घुटने से उसकी मौत की आशंका है।

आकांक्षा के पिता ने कहा : बेटी ही थी मेरा सहारा, अब किसके लिए जिंदा रहूं

आकांक्षा के पिता ने कहा : बेटी ही थी मेरा सहारा, अब किसके लिए जिंदा रहूं
आकांक्षा के पिता मर्चयूरी पहुंचे और रोते हुए कहने लगे कि सुबह फोन लगाया था, लेकिन बेटी का फोन नहीं लगा। मेरी बेटी कहां है। मेरी बेटी ही मेरा सहारा थी, एक माह पहले पत्नी ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी। अब मैं किसके सहारे जिंदा रहूंगा। बेटी ने मुझसे कहा था कि दोस्त पूजा का जन्मदिन है। मैं उसके घर एरोड्रम जा रही हूं। आकांक्षा के दोस्त उन्हें हिम्मत बंधाते रहे।

खिड़की में रस्सी बांधकर युवक-युवती को निकाला
रहवासी दिलीप बगोनिया ने बताया, बिल्डिंग से धुआं उठता देख वे वहां पहुंचे। देखा तो लोग खिड़की से मदद के लिए पुकार रहे हैं। ड्रैनेज लाइन नहीं होने से घर के पिछले हिस्से सटे हैं। तुरंत छैनी हथोड़े से खिड़की तोडऩे की कोशिश की। नहीं टूटी तो लोडिंग वाहन की रस्सी बांधकर करीब छह लोगों ने उसे तोड़ दिया। उसमें से युवक-युवती को सकुशल बाहर निकाला। एक महिला ने गैलरी से इसका वीडियो बनाते हुए भगवान से विनती करती रही कि सभी की जान बच जाए।

120 की स्पीड से गए पर नहीं बची जान
एजाज खान ने बताया, आग लगी तो रस्सी से लोगों को पहली मंजिल की गैलरी से नीचे उतारा। एक महिला सड़क किनारे बेहोशी पड़ी थी। उन्होंने लोगों की मदद से महिला की बाइक पर बैठाया। उसकी सांसे चल रही थी। वे 120 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से एमआइजी चौराहे स्थित निजी हॉस्पिटल पहुंचे। इसके बाद एक अन्य को भी लाए। बाद में पता चला की दोनों नहीं बच सके।

तो फूट जाता गैस सिलेंडर
विजय नगर टीआइ तहजीब काजी और उनकी टीम भी रेस्क्यू करती रही। टीआइ ने बताया, जो लोग गैलरी में फंसे थे, रेलिंग पर रस्सी बांधने के बाद उन्हें किसी तरह नीचे उतारने में सफल हुए। समय रहते बिल्डिंग में रखे गैस सिलेंडर को बाहर निकाला गया। गनीमत रही एक भी गैस टंकी नहीं फूटी।

युवती पर खर्च किए 10 हजार रुपए का भी था विवाद
बिजली लौटी और नजर आया संजय

इंदौर अग्निकांड में गाड़ियों ने आग पकड़ी तो बिल्डिंग से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता जाम हो गया। गाड़ियों में भरे पेट्रोल-डीजल के कारण ब्लास्ट होते रहे। पूरी बिल्डिंग गर्म हो गई और जो जहां था, वहीं फंस गया। डीसीपी संपत उपाध्याय ने बताया कि संजय किसी निजी बैंक में काम करता था। युवती भी निजी कंपनी में नौकरी करती है। पूछताछ में पता चला कि संजय ने युवती को दस हजार रुपए दिए थे। रुपए के लेन-देन का विवाद हुआ और संजय वहां से चला गया। इस बीच युवती की दूसरी जगह शादी तय हुई तो वह फिर परेशान करने लगा।

बताते हैं कि रात 2 बजे इलाके में बिजली गुल हो गई थी। जब लौटी तो आग लगी। इससे आशंका थी कि बिजली के मीटर से आग लगी। एफएसएल जांच भी बिजली मीटर के आसपास ही टिकी हुई थी। जांच के बाद पूरी टीम विजय नगर थाने पहुंची। एडिशनल डीसीपी राजेश व्यास की उपस्थिति में फिर छानबीन हुई। बिल्डिंग मालिक व उसके भाई से बिजली चोरी कर तार जोड़ने की आशंका में पूछताछ हुई। करीब 3 बजे बिल्डिंग मालिक इंसाफ पटेल के घर के सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर की रिकॉर्डिंग चेक की गई।

अधिकारियों ने युवती से बात की तो पता चला कि संजय शेयर बाजार का काम करने लगा था। वह विवाद के कारण जान से मारने की धमकी देता था। उसने मोबाइल बंद कर दिया था। इंटरनेट कालिंग करता था। जांच में पता चला कि यह कालिंग व चीन व बांग्लादेश के कुछ ऐप के जरिए करता था।

पुलिस टीम ने गली के सभी कैमरों की डीवीआर जब्त कर ली थी। पटेल परिवार का बिल्डिंग के सामने निवास है और ऊपर जिम संचालित होता है। पुलिस ने फिर भी डीवीआर जब्त कर ली। रात में संजय ने बिल्डिंग के पोर्च में लगा कैमरा तोड़ दिया था, लेकिन सामने के मकान के कैमरे में वह कैद हो गया। पुलिस ने 50 कैमरों की रिकॉर्डिंग देखी, जिसमें उसका चेहरा दिखा।

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