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Rewa News : सर्वे के बाद इस शहर में बने अवैध निर्माण टूटेगे; अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

रीवा. शहर में अवैध निर्माण को लेकर एक बार फिर शिकंजा कसे जाने की तैयारी है। इस मामले में स्थानीय स्तर पर लापरवाही सामने आने पर अब नगरीय प्रशासन विभाग ने संज्ञान लिया है। प्रमुख सचिव ने रीवा सहित प्रदेश के कई शहरों की समीक्षा में पाया कि बड़ी संख्या में अवैध निर्माण तेजी से हो रहे हैं। इस पर स्थानीय स्तर पर किसी तरह से सख्ती नहीं बरत रहा। जिस कारण अवैध निर्माण की संख्या लगातार बढ़ रही है। अवैध निर्माण पर लगाम लगाने अब वार्ड स्तर पर सर्वे कराया जाएगा। जहां भी अवैध निर्माण मिलेंगे, उसकी कंपाउंडिंग कराई जाएगी। अवैध निर्माण गिराए जाने के लायक हैं तो उस पर भी योजना बनाकर कार्रवाई की जाएगी।

प्रमुख सचिव ने सवाल उठाए कि कम्पाउंडिंग के लिए जो नियम बीते साल बनाए गए थे। उस पर सभी शहरों में कंपाउंडिंग हुई है, लेकिन अधिकांश मामलों में निर्माणकर्ताओं ने खुद आवेदन देकर कंपाउंडिंग कराई है। जबकि, निर्देश था कि नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी वार्डों का भ्रमण करें और प्रकरण तैयार कर कंपाउंडिंग कराएं, लेकिन ऐसा कम देखने में आया है। इस मामले में फिर से निर्देशित किया गया है कि अतिक्रमण प्रभारी, निर्माण शाखा के इंजीनियर्स व अन्य कर्मचारियों को फील्ड में भेजकर सर्वे कराया जाए।

दो तरह से सूचीबद्ध होगा निर्माण
अवैध निर्माण को दो तरह से चिह्नित करने के लिए कहा गया है। एक तो वह, जिसके लिए नगरीय निकाय से अनुमति तो ली गई, लेकिन अनुमति शर्तों के विपरीत निर्माण करा दिया गया है। दूसरी श्रेणी में बिना अनुमति के निर्माण कराया गया है। दोनों को अलग-अलग तरह से सूची में शामिल कर कार्ययोजना बनाई जाएगी।

कॉम्प्लेक्स में पार्किंग एरिया की अनदेखी
शहर में इनदिनों तेजी से शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण किया जा रहा है। करीब सैकड़ा भर की संख्या में बनाए जा रहे छोटे-बड़े इन भवनों में क्षमता के अनुरूप वाहन पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। कुछ जगह बेसमेंट में पार्किंग के नाम पर बाहर से तो जगह बताई जा रही है, लेकिन भीतर उसमें कमरे बना लिए गए हैं। ऐसी हालत में इनमें संचालित होने वाली दुकानों और कार्यालयों में आने वाले लोगों के वाहन सड़क पर भी खड़े होंगे और जाम की समस्या उत्पन्न होगी। शिल्पी प्लाजा से लेकर कॉलेज चौराहा तक व सिरमौर चौराहे से समान तिराहे तक में शहर में 20 से अधिक नए भवनों का निर्माण चल रहा है। हर जगह वाहन पार्किंग की समस्या की अनदेखी की जा रही है।

ऑनलाइन साफ्टवेयर के जरिए होगा काम: नगर निगम सर्वे करने के साथ ही अवैध निर्माण का चिन्हांकन व कंपाउंडिंग का कार्य एबीपीएएस साफ्टवेयर के जरिए कराया जाएगा। इस दिन की प्रगति समीक्षा भोपाल में होगी। इसलिए आयुक्त से कहा कि वह निकाय स्तर पर किए गए कार्यों की समीक्षा करें।

पांच हजार वर्गफीट से अधिक के निर्माण पर फोकस
शहरी क्षेत्र में निर्माणाधीन भवनों व निर्मित हो चुके भवनों का सर्वे कराया जाएगा। पहले चरण में 5000 वर्गफीट से अधिक के सभी भवनों पर फोकस रहेगा। इनकी भवन अनुज्ञा का शत-प्रतिशत अनिवार्यत: निरीक्षण किया जाएगा। सर्वे में यदि बिना अनुमति अथवा अनुमति के विरुद्ध निर्माण मिला तो मप्र नगर निगम अधिनियम 1956 व मप्र नगरपालिका अधिनियम 1961 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। जो प्रकरण कम्पाउंडिंग योग्य हैं, उनकी नियमानुसार कम्पाउंडिंग की जाएगी तथा जो प्रकरण कम्पाउंडिंग योग्य नहीं हैं, उनपर अवैध निर्माण हटाए जाने की कार्रवाई होगी।

जीआइएस सर्वे के सभी भवनों की अनुज्ञा जरूरी
प्रमुख सचिव ने निर्देशित किया है कि जीआइएस सर्वे के माध्यम से वर्तमान सम्पत्तियों व नई सम्पत्तियों का चिन्हांकन किया जा रहा है। उक्त सर्वे में निकाय के बेस मैप पर सभी सम्पत्तियों की जानकारी उपलब्ध है। इन सभी भवनों की अनुज्ञा का परीक्षण किया जाएगा।

कॉगजों में कम्पाउंडिंग, नहीं गिराए नियम विरुद्ध निर्माण
कंपाउंडिंग के लिए पूर्व में दिए गए निर्देशों में स्पष्ट था कि यदि किसी व्यक्ति ने भवन अनुज्ञा से अधिक निर्माण करा रखा है अथवा अनुज्ञा नहीं ली तो उससे निर्धारित राशि लेकर भवन को वैधता दी जाएगी। इसमें कुछ शर्तें भी निर्धारित की गई थीं। जैसे कि निर्माण कार्य कंपाउंडिंग के दायरे में तब तक नहीं आएगा, जब तक कि उसमें अवैध निर्माण होगा। यानी अवैध निर्माण तोडऩे के बाद ही कंपाउंडिंग करना था। रीवा में बड़ी संख्या में मकानों की कंपाउंडिंग हुई, लेकिन अवैध निर्माण नहीं तोड़े गए। शर्त में यह भी स्पष्ट था कि सड़क पर, नाली पर व फ्रंट में निर्धारित स्थान छोड़े बिना निर्माण कराया गया है तो उसे तोड़ा जाएगा। रीवा नगर निगम में आवेदन के बाद कागजी तौर पर कम्पाउंडिंग कर दी गई। इसे लेकर लगातार सवाल भी उठते रहे हैं। शहर में करीब 600 की संख्या में भवनों की कम्पाउंडिंग हुई हैं।

अवैध निर्माण का सर्वे कराने के लिए निर्देश प्राप्त हुआ है। इसमें पहले पांच हजार वर्गफीट से अधिक के भवनों को चिह्नित किया जाएगा। जो कंपाउंडिंग के दायरे में होंगे वह प्रक्रिया में शामिल होंगे और जो नहीं होंगे उन्हें गिराने की कार्रवाई भी होगी। सभी जोन प्रभारियों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।
संस्कृति जैन, आयुक्त नगर निगम रीवा

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