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Rewa News : जांच के बाद अब तक नहीं हुई सचिव के खिलाफ कार्यवाही, मामला ग्राम पंचायत कोनियाखुर्द का

रीवा। जिले के जनपद पंचायत त्योथर अंतर्गत ग्राम पंचायत कोनियाखुर्द में रोजगार सहायक जागेंद्र सिंह एवं पूर्व सरपंच के ऊपर पंचायत में भ्रष्टाचार के आरोप लगाये गये हैं। शिकायतकर्ता वंशराज सिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने सीईओ जिला पंचायत से शिकायत की हैं कि ग्राम पंचायत कोनियाखुर्द में रोजगार समय द्वारा नौकरी में कूट रचित पेपर तैयार करके नौकरी पाई गई हैं। पंचायत में किये गये कार्य सी.एफ.टी भवन कोनियाखुर्द के निर्माण में व्याप्त अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार, कैमा पोखरी में मनरेगा मजदूरों से कार्य न कराकर जेसीबी मशीनों द्वारा गहरीकरण कराया गया, खजुरिया तालाब में मनरेगा मजदूरो से कार्य न कराकर जेसीबी मशीनों एवं ट्रेक्टर द्वारा गहरीकरण कराया गया, लोकनाथ तिवारी ग्राम पुर्वातीर रामबहादुर केवट ग्राम पुर्वातीर एवं हंकराज सिंह ग्राम कोनिया खुर्द के घर के चारों तरफ ही पीसीसी रोड का निर्माण कराया गया जो कि सार्वजनिक कार्य आवंटन में भ्रष्टाचार कर व्यक्तिगत हितो को साधने सा है।

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इसमें ग्राम के विकास के लिए आया हुआ शासकीय धन का दुरूपयोग हुआ है जिसकी मौके पर पहुँच कर निर्भीक जांच की माग की है। यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण चौराहे पर न बनाकर व्यक्तिगत तौर पर धर्मपाल सिंह के घर पर बनाया गया है। रोजगार सहायक एवं सचिव द्वारा हरिजन व आदिवासियों से अवैध रूप से पैसे वसूली की गयी, जिसकी जाँच हो। ग्राम कोनिया पंचायत में स्टॉपडैम का निर्माण कही पर नहीं हुआ है जबकि रोजगार सहायक द्वारा कथित स्टॉप डैम का निर्माण उषा सिंह के खेत से नरेंद्र सिंह के खेत तक दर्शाया गया है एवं शासकीय सार्वजानिक धन स्टॉप डेम निर्माण के नाम गबन कर लिया गया है।

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प्रधानमंत्री योजना में आवंटित आवास को अवैध तरीके से दर्शाकर शासन के लाखों रूपए का दुरूपयोग किया गया है। मनरेगा में अवैध तरीके से ग्रामीणों का नाम दर्शा कर शासन के लाखों रूपए का दुरूपयोग किया गया है। सुरेश कोल की सम्पूर्ण जाँच की जाये जो हमेशा जागेन्द्र सिंह के घर पर था जिसका इंद्रा आवास कहाँ है जिसका मध्यांचल बैंक चिल्ला में खाता है जिस खाते में शासन के धन का दुरूपयोग किया गया है। रोजगार सहायक विकास कार्य में प्रयुक्त सामग्री जैसे बालू, गिट्टी मिट्टी, सरिया तथा अन्य सामग्री इत्यादि की खरीदी की गयी है जिस सप्लायर के नाम का बिल लगाया गया है वह न तो सप्लायर है और न ही नकी कोई दूकान दिए गए पते में मौजूद है।

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जिसमें सीईओ द्वारा जांच कराए जाने पर कई बिंदुओं में भ्रष्टाचार उजागर हुआ, जिस पर जांच प्रतिवेदन के आधार पर जिला पंचायत कार्यालय द्वारा 8.80.166.00 वसूली के लिए आदेश जारी किया गया। ग्राम पंचायत में जो राशि विकास के लिए भेजी गई उसमें पंचायत सचिव द्वारा गबन कर लिया गया। ग्रामीणों का आरोप हैं कि पंचायत में विकास कार्य कम हुए, भ्रष्टाचार ज्यादा। इस मामले को लेकर शिकायत की गई जिस पर जांच सही पाई गई, लेकिन अब कोई भी कार्यवाई प्रशासन द्वारा नही कि गई। शिकायतकर्ता ने जांच के लिए लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू सहित मुख्य सचिव से पत्र लिखकर तत्काल कार्यवाही की मांग की है।

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वसूली के आदेश के बाद भी नहीं हो रही सचिव पर कार्यवाही
बता दें कि ग्राम पंचायत कोनियाखुर्द में पंचायत सचिव/रोजगार सहायक पर 8.80.166.00 रूपये की वसूली के आदेश हुए हैं, लेकिन उस आदेश का अब तक कोई पालन नहीं हुआ, बल्कि पंचायत सचिव को जनपद में अटैच कर एक खानापूर्ति कर दी गई है।

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