चंद्रयान 3 की चंद्रमा पर सफल लेंडी के बाद अब इसरो अगले मिशन के लिए जुड़ गया है इस रुचि एस सोमनाथ ने कहा और अभियान की सफलता की घोषणा के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधन के लिए भी आमंत्रित किया गया है और बताया कि हम अगले परीक्षण के लिए तैयार हैं। पीएम मोदी ने कहा जल्दी सूर्य की विस्तृत अध्ययन के लिए इसरो आदित्य एल 1 मिशन शुरू करने करने वाला है और इसके बाद शुक्र भी इसरो के लक्षणों में से एक है। चांद के बाद सूरज को समझने के लिए मिशन की तैयारी के साथ ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो कई और बड़े मिशन को पूरे करने की तैयारी में जुट गया है। अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा भारत के साथ एकत्र होकर दुनिया को मापने निकालने के प्रयास में है इसी के साथ ही भारत मानव मिशन गगनयान को पूरा करेगा अंतरिक्ष की दुनिया में नया इतिहास रचने वाला है।
अगला मिशन सूरज को समझने की और
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो सूरज को समझने के लिए आदित्य एल 1 का परीक्षण करने जा रहा है यह देश का पहला अंतरिक्ष अभियान होगा जो सूर्य का अध्ययन करेगा आदित्य एल 1 सूर्य और पृथ्वी के बीच एक खास बिंदु जिसे एल 1 के नाम से भी जानते हैं और स्थापित किया जाएगा यान सूर्य की गतिविधियों पर अपनी नज़र रखेंगा. हालांकि सूर्य को समझने के लिए इसरो का यह 15 लाख किलोमीटर की दूरी को मापने इसे सितंबर के महीने में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से छोड़ा जायेगा।
दुनिया को मापने की तैयारी
इसरो का अगला मिशन दुनिया को मापने की तैयारी है इसरो और अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने संयुक्त रूप से इसे तैयार कर लिया है यह उपग्रह 12 दिनों में पूरी दुनिया को नाप लगा इस उपग्रह के माध्यम से पृथ्वी और परिस्थिति पूरे विशेष रूप से जानकारी प्रदान करेगा इसमें समुद्र का स्तर भूचाल प्राकृतिक आपदा भूकंप सुनामी जल मुखी और भूचाल जैसी जुड़ी सभी जानकारियां प्राप्त होगी पृथ्वी में हर घड़ी हो रहे बदलाव को भी जाना जा सकेगा हालांकि साल 2024 में इस मिशन को इसरो अंजाम देने वाला है।
अब गगनयान पर नजर
चंद्रयान 3 के बाद इसरो अपने अगले मिशन में जुट गया है हालांकि साल 2024 में गगनयान मानव मिशन को लांच किया जा सकता है। मिशन साल 2022 के लिए प्रस्तावित था। परंतु कोरोना कल की वजह से इसे टालना पड़ा केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि मिशन से पहले इंसानों जैसे दिखने वाली महिला रोबोट व्योममित्र की अगले साल अंतरिक्ष में उन्हें छोड़ा जाएगा भारतीय वायु सेवा ने इस मिशन के लिए चार पायलटों का नाम साझा किया।
ध्रुवीय मिशन
इसरो इसी वर्ष एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट्स एक्सपो सेट उपग्रह को छोड़ने की तैयारी में है एक्सपो सेट से चर्म परिस्थितियों में उज्ज्वल खगोलीय एक्स-रे जान कारों के विभिन्न गतिशील को नापेगा और इसका अध्ययन भी करेगा कि यह देश का पहला और दुनिया का दूसरा ध्रुवीय मिशन होगा जो इस तरह का कार्य करेगा और इस पहले प्रमुख मिशन नासा का इमेजिंग एक्स-रे पोलारिटी एक्सप्लोरर है जिससे 2021 में उसे लॉन्च किया गया था।