पंजाब के गायक सिद्धू मूसेवाला की रविवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई है. मूसेवाला पर मनसा के जवाहरके गांव के पास फायरिंग हुई थी. घटना के बाद मूसेवाला को गंभीर हालत में मनसा के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया. घटना में मूसेवाला के साथ रहे दो अन्य लोग घायल बताए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि हमलावर काले रंग की कार से आए थे.
बताया जा रहा है कि मूसेवाला को गैंगस्टरों से धमकियां मिली थी. इसके बावजूद पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए एक दिन पहले ही मूसेवाला समेत 424 VIP की सुरक्षा वापस ली थी. मूसेवाला ने पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर आम आदमी पार्टी के विजय सिंगला के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था. विजय सिंगला ने मूसेवाला को मनसा सीट से 63,323 वोट से हराया था.
सिविल सर्जन ने दी ये जानकारी
मनसा अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर रंजीत राय ने कहा कि तीन लोगों को अस्पताल लाया गया, जिनमें से सिद्धू मूसेवाला की मौत हो गई. प्राथमिक उपचार के बाद दोनों घायलों को आगे के इलाज के लिए उच्च संस्थान में रेफर कर दिया गया है.
मूसेवाला की हत्या पर किसने क्या कहा
सिद्दू मूसेवाला की हत्या पर बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने पंजाब सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि पंजाब में कानून-व्यवस्था कंट्रोल से बाहर हो चुकी है. उसके बाद भी पंजाबी गायक की सुरक्षा कम कर दी गई थी. मूसेवाला ने पंजाब की शान बढ़ाई, लेकिन अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान की घटिया की राजनीति के वो शिकार हो गए. उन्होंने कहा कि 20 गोलियां के साथ उन पर कातिलाना हमला हुआ, जिसमें उनकी कीमती जान चली गई.
शनिवार को मूसेवाला समेत 424 VIP की सुरक्षा ली गई थी वापस
शनिवार को पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने मूसेवाला समेत कुल 424 VIP लोगों की सुरक्षा पर कैची चलाई थी. इस लिस्ट में डेरामुखी सहित कई सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल हैं. वर्तमान और पूर्व विधायकों की सुरक्षा भी वापस ली गई है. इनमें शिअद के वरिष्ठ नेता चरण जीत सिंह ढिल्लों, बाबा लाखा सिंह, सतगुरु उधय सिंह, संत तरमिंदर सिंह भी शामिल हैं. इसके अलावा विधायकों में अकाली नेता गनीव कौर मजीठिया, कांग्रेस नेता परगत सिंह, आप विधायक मदन लाल बग्गा का सुरक्षा कवर भी वापस ले लिया गया है. बताया जा रहा है कि सरकार ने पहले एक रिव्यू मीटिंग की थी, उसके बाद इन लोगों की सुरक्षा वापस लेने का फैसला हुआ था.
पुलिस ने सुरक्षा वापस लेने का बताया था ये कारण
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने अपने बयान में साफ कहा है कि ये आदेश सिर्फ कुछ समय के लिए लागू किया गया है. राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त जवानों की जरूरत है, इसी वजह से रिव्यू मीटिंग के बाद 424 लोगों की सुरक्षा वापस ली गई है. अब उन जवानों को राज्य के अलग-अलग इलाकों में तैनात किया जाएगा.
इससे पहले अप्रैल महीने में भी भगवंत सरकार ने 184 वीआइपी लोगों की सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया था. तब पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व मंत्री सहित कई विधायकों की सुरक्षा पर कैची चली थी. उन सभी नेताओं को पंजाब सरकार ने प्राइवेट सिक्योरिटी दे रखी थी.