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Sher Singh Raana Movie: असली कहानी पर आधारित है विद्युत जामवाल की नई फिल्म, फूलन देवी की हत्या से जुड़ी

Sher Singh Raana Movie: असली कहानी पर आधारित है विद्युत जामवाल की नई फिल्म, फूलन देवी की हत्या से जुड़ी

इन दिनो हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री मे विवादित मुद्दे और सत्य घटना पे आधारित कंटेंट वाली फिल्मे ज्यादा बन रही है। पहले ’कश्मीर फाइल’ खूब विवादो में रही। उसके बाद कुछ दीन पहले ही रीलीज हुई’द केरला स्टोरी’ फिल्म तो इतनी ज्यादा विवादो में थी के देश में कही राज्यो में इस फिल्म को रिलीज़ करने पर रोक लागा दी गई थी।

अब इसी श्रृंखला मे एक और बॉलीवुड फ़िल्म बने जा रही है जो अभी से ही सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। इस फ़िल्म का नाम शेर सिंह राणा है। कुछ लोग इस फ़िल्म का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे है। तो वही कुछ लोग इस फ़िल्म का नाम सुनते ही आक्रोश मे आगये है। और इस फ़िल्म पर रोक लगाने की मांग कर रहे है।

शेर सिंह राणा वही शख्स है जिसने कभी समाजवादी पार्टी की सांसद रही फूलन देवी की हत्या की थी। बाद में इसी शेर सिंह राणा का नाम जेल से भागकर अफगानिस्ताना से पृथ्वी राज चौहान का अवशेष भारत लाने को लेकर भी चर्चा में रहा। अब इन महाशय पर शेर सिंह राणा नाम से एक फिल्म बनने वाली है। इस फिल्म में उनका किरदार निभाएंगे बॉलीवुड एक्टर विद्युत जामवाल।

फ़िल्म मे शेर सिंह राणा का किरदार निभा रहे विद्युत जामवाल ने इस फ़िल्म का एक पोस्टर सोशल मीडिया पर शेयर करने के बाद लोग अपनी प्रतिक्रिया देने शुरू कर दिया था।

इस पोस्टर के शेयर होने के बाद पत्रकार अजित अंजुम ने ट्विटर पर लिखा कि फूलन देवी के कातिल सजायाफ्ता मुजरिम शेर सिंह राणा पर फिल्म? एक कातिल को महिमामंडन किया जा रहा है।

कौन है शेर सिंह राणा?

शेर सिंह राणा का असली नाम है पंकज सिंह पुंढीर। राणा का जन्म 17 मई 1976 को उत्तराखंड के रुड़की में हुआ था। 25 जुलाई 2001 को शेर सिंह राणा ने दस्यु से सांसद बनीं समाजवादी पार्टी की नेता फूलन देवी की देश की राजधानी दिल्ली में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद अदालत से उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गयी थी। बताया जाता है कि शेर सिंह ने फूलन देवी को दस्यु रहते हुए ठाकुरों की हत्या करने का बदला लेने के लिए मारा था।

दिल्ली की तिहाड़ में उम्रकैद की सजा काट रहा राणा 17 फरवरी 2004 को जेल से फरार हो गया था। बाद में शेर सिंह राणा की ओर से दावा किया गया कि इस दौरान वह अफगानिस्तान के कंधार जाकर वहां से हिंदू राजा पृथ्वीराज चौहान के अवशेष लेकर देश आया था।

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