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दुर्लभ बीमारी से 60 किलो से ज्यादा वजन का हो गया था पैर, नौकरी भी गई 90 घंटे के ऑपरेशन के बाद ऐसा है हाल

हम आपसे एक ऐसी दुर्लभ बीमारी के विषय पर चर्चा करेंगे जहां एक व्यक्ति का पैर 50 किलो का हो गया था. और 90 घंटे के ऑपरेशन चला इसके बाद भी पैर का हाल और खराब हो गया.नौकरी भी हाथ से चली गई. आईये इस पूरी खबर पर आपसे विस्तार पूर्वक चर्चा करते हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दें हाथी पैर बीमारी को मेडिकल की भाषा में लिंमफीडीमा या फाइलेरिया (lymphedema aur filariasis) कहां जाता है.इस बीमारी में कुछ समय में पैर का इलाज पैर का साइज काफी बड़ा हो जाता है हाथी के पैर जैसा दिखने लगता है दुनिया की सबसे अजीब बीमारी का इलाज भारत में हुआ इस के ऑपरेशन के लिए अट्ठारह सर्जरी की गई थी.

यू तो संसार में बहुत सी ऐसी बीमारियां आ चुकी है जिनका इलाज होना असंभव है अब एक बीमारी सामने आई है जिसको लिंफेडेमा कहा जाता है और आम भाषा में कहें तो हाथी पांव भी बोला जाता है.जिसे दुनिया की सबसे ज्यादा अजीबोगरीब बीमारी भी बताया जाता है. मेडिकल साइंस में कई बार ऐसे हालात आ जाते हैं जब कहा जाता है कि यह किसी चमत्कार से कम नहीं .कुछ समय पहले डॉक्टरर्स की टीम ने हाथी पांव से पीड़ित एक व्यक्ति का सफल ऑपरेशन किया है. इस ऑपरेशन से पहले मरीज़ देश के सभी बड़े से बड़े अस्पतालों का चक्कर लगा चुका था. लेकिन मैंक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने सर्जरी कर इस नामुमकिन को मुमकिन कर दिया.

आपको बता दें हाथी पैर से पीड़ित व्यक्ति का नाम अमित कुमार शर्मा है इनका करीब 10 वर्ष पहले एक्सीडेंट हुआ था. जिसके कारण बाएं पैर में लिंफेडेमा नाम की बीमारी हो गई थी बीमारी में मरीज का पैर थोड़े ही समय में काफी भारी हाथी के पैर के जैसा हो गया था. अमित ने पिछले 10 वर्षों से देश के सभी अस्पतालों में इलाज के लिए चक्कर काटे थे.इसी कारण उनकी आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई. बीमारी के कारण से पैर से चल भी नहीं पाते थे. इस कारण उनकी नौकरी भी जा चुकी थी. उनके अलावा घर में और कोई कमाई करने वाला नहीं था. फिर भी अमित ने वर्ष 2021 अगस्त में मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज में दिखाया तभी से उनके पैर की सर्जरी की शुरुआत हो गई.अमित के इलाज के लिए हॉस्पिटल के 25 डॉक्टर्स की टीम ने 6 महीने में 18 से ज्यादा सर्जरी की यह सर्जरीओं में 90 घंटे से अधिक समय लगा.

जब अमित मैक्स हॉस्पिटल गए थे. उनके पैर का वजन 50 किलो था जो अब करीब 23 किलो का रह गया है. यानी के सर्जरी के बाद उनके पैर का 27 किलो वजन कम हो चुका है.मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज के एमडी डॉक्टर मनोज के अनुसार ये उनके लिए बिल्कुल नया केस था.अमित का कई जगह इलाज पहले भी हो चुका था. इस कारण से अमित का पैर खराब हो रहा था.लेकिन हमारे सफल सर्जरी के बाद अब वह चल सकते हैं आपको बता दें आमतौर पर इस बीमारी को कैंसर जितना खतरनाक कहा जा सकता है कि मरीज की किसी हादसे में कुछ नसे डेमेज हो जाती हैं.

जिसकी वजह से खून का परवाह नहीं हो पाता है और खून एक जगह इखट्टा होना शुरू हो जाता है. इसी कारण पैर का आकार लगातार बढ़ने लगता है. उसका सीधा असर दिमाग और दिल पर पड़ता है. यह तरह का स्लो पोआइज़न कहा जा सकता है. मरीज की धीरे-धीरे जान लेने लगता है. लेकिन अब अमित इस ऑपरेशन के बाद चल पा रहे हैं. डॉक्टर की मानें तो आने वाले दिनों में उनके दोनों पैरों का साइज लगभग समान भी हो जाएगा.

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