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MG Ramachandran Jayalalitha Story:कौन थे MGR जिनकी मौत पर 30 लोगों ने दे दी थी जान, 21 घंटों तक खड़ी थी जयललिता शव के पास

MGR मतलब एम. जी. रामचन्द्रन। ये तमिल फ़िल्मों के सुपरस्टार होने के साथ साथ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री भी थे। आज एम. जी. रामचन्द्रन की 106वीं बर्थ एनीवर्सरी है। MGR भारत के ऐसे स्तर थे जिनकी फैन फॉलोइंग ने दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया। पहली बार ये महसूस किया गया कि किसी फ़िल्म स्टार के इतने फैन्स भी हो सकते हैं। कई बार ऐसे मौक़े आये, जब लोगों को उनकी दीवानगी देखने को मिली।

MGR जब एक एक्टर के रूप में कम करते थे तो उनकी फ़िल्में रिकॉर्ड तोड़ कमाई करती थी और जब वो फ़िल्मों को छोड़कर राजनीति में आये तो मुख्यमंत्री बन गए। उनके फैन्स उन्हें चमत्कारी मानते थे। उनका मानना था कि यदि MGR किसी बंजर ज़मीन पर भी खड़े हो जाये तो वह ज़मीन बंजर से उपजाऊ बन जाती है। इसीलिए कई लोग इन्हें अपनी बंजर ज़मीन को उपजाऊ बनाने के लिए अपने यहाँ न्योता देते थे।

जब उनकी किडनी ख़राब हुई तो इस ख़बर को सुनने के बाद ही उनके 13 फैन्स ने आत्महत्या कर ली थी। जे. ललिता के साथ उनके रिश्ते हमेशा सुर्ख़ियों में रहे। जब MGR की मौत हुई तो यह सुनकर उनके 30 फैन्स ने जान दे दी। उनके अंतिम संस्कार में 12 लाख से भी ज़्यादा फैन्स शामिल हुए। लोग इतने दुखी थे की उन्होंने में दुख और ग़ुस्से में कई दुकाने, बसें, और गाड़िया जला दी। इस दंगे में 49 पुलिसकर्मी घायल हो गये और 29 लोगों की मौत हो गई। MGR के इस अंतिम संस्कार को आज भी मोस्ट वायलेंट फ्यूनरल ऑफ़ थे सेंचुरी माना जाता है।

ढाई साल की उम्र में पिता की हो गई थी मौत, बहन को भी खोया
MGR यानी मरुथुर गोपालन रामचन्द्रन का जन्म 17 जनवरी 1917 को श्रीलंका के नवलपितीय में हुआ था। सिर्फ़ ढाई साल की उम्र में ही MGR के पिता की मृत्यु हो गई थी।साथ ही कुछ दिनों बाद बीमारी के कारण उनकी बहन की भी मृत्यु हो गई। घर में आर्थिक हालात ठीक नहीं थी तो MGR अपनी माँ और भाई के साथ भारत आ गये।

MGR को कम उम्र से ही एक्टिंग में दिलचस्पी थी तो उन्होंने 7 वर्ष की उम्र से ही ड्रामा कंपनी बॉयज़ के नाटकों में कम करना शुरू कर दिया।

MGR का कैसे जुड़ा फ़िल्मों से रिश्ता
MGR 19 वर्ष की उम्र में 1936 में आयी फ़िल्म सती लीलावती में पुलिस इंस्पेक्टर का रोल निभाकर फ़िल्मों में आये। इसके लिए इन्हें 100 रुपये फ़ीस मिली। MGR को अपना पहला लीड रोल 1947 की फ़िल्म राजकुमारी में मिला। इनकी 1954 में आयी फ़िल्म माइकल्लन इतनी बड़ी हिट हुई की इसके बाद से लोग इन्हें भगवान की तरह पूजने लगे।

देवदास का रोल ठुकराया
जितना लोग MGR को पूजते थे, इससे कहीं ज़्यादा फ़िक्र उन्हें अपने चाहने वालों की थी। MGR को साउथ की फ़िल्म देवदास ऑफर हुई। इस फ़िल्म में उन्हें एक शराबी की भूमिका निभानी थी। MGR ने इस फ़िल्म को यह कहकर ठुकरा दिया कि मैं नहीं चाहता को जो फैन्स मुझे भगवान की तरह पूजते हैं वो मुझे एक शराबी के रूप में देखे।मैं ऐसा कोई रोल नहीं निभाऊँगा जिससे मेरे चाहने वालों पर बुरा प्रभाव पड़े।

सिनेमा में जादू बनाये रखने के लिए प्राइवेटली करते थे शूटिंग
MGR भीड़ में जाने से बचते थे और उनका यह भी कहना था कि कोई भी रोमांटिक या एक्शन सीन जनता के सामने शूट ना किया जाये। वो चाहते थे कि सिनेमा का जादू बना रहे और लोग यही सोचे की सिनेमा में दिखाई जाने वाली कहानियाँ असकी होती है। लेकिन अगर वो जनता के सामने शूटिंग करते तो लोग समझ जाते कि पर्दे पर बनावटी चीज़ें दिखायी जाती हैं।

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जयललिता से करते थे प्यार, लेकिन शादी नहीं कर सके
MGR और जयललिता की पहली मुलाक़ात एक फ़िल्म के सेट पर हुई थी। साउथ के ज़्यादातर लोग सांवले होते हैं लेकिन जयललिता बेहद सुंदर थी। जिन पर MGR की नज़रें हमेशा से ही टिक जाती थी। शूटिंग के समय जयललिता अकेले एक कोने में बैठकर अंग्रेज़ी की बुक पढ़ती थी और ख़ुद भी वो फर्राटेदार अंग्रेज़ी बोलती थी।

मौत की खबर सुनकर 30 लोगों ने कर ली थी आत्महत्या
24 दिसंबर 1987 को सुबह 3:30 बजे MGR ने अपने रामावरम गार्डन में दम तोड़ दिया। 70 साल के MGR की मौत की खबर सुनने के बाद पूरा तमिलनाडु हिल गया। इस खबर को सुनने के बाद ही उनके 30 फैन्स ने आत्महत्या कर ली। साथ ही लाखों लोगों की भीड़ मातम मनाने सड़क पर उतर आई।

21 घंटों तक शव के पास खड़ी रही जयललिता
MGR के मौत की खबर सुनते ही जयललिता उनके घर पहुँची। तो MGR की पत्नी ने दरवाज़ा खोलने से मना कर दिया और शव की जगह बताने से भी माना कर दिया। कैसे भी करके जयललिता राजाजी हॉल पहुँची जहां MGR के शव को दो दिनों तक रखा जाना था। जयललिता 21 घंटों तक उसी शव के पास खड़ी रही और अपने पल्लू से अपने आंसू पोंछती रही। जब MGR के शव को गाड़ी में रखा गया तो जयललिता भी उसी में चढ़ गई लेकिन लोगों ने उन्हें खींचकर उतर दिया।

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