शिक्षा/नौकरी

पिता ने गांव की गलियों में बेचे कपड़े, बेटे ने IAS बन परिवार की जिंदगी संवार दी

अगर आप में संघर्ष करने का जज्बा है तो कोई भी शिखर बौना ही साबित होगा.बिहार के अनिल बसाक ने इस बात को सौ फीसदी सच कर दिया है.लगातार संघर्ष और निरंतरता की बदौलत उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 45वीं रैंक हासिक की है.अब वे प्रशासनिक अधिकारी बन चुके हैं,लेकिन उनके इस संघर्ष की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है.

अनिल बसाक बिहार के किशनगंज के रहने वाले हैं.उनके पिता गली-गली घूमकर कपड़े बेचते थे.आय अच्छी हो गई तो दो वक्त की रोटी मिल गई नहीं तो भगवान ही मालिक.लेकिन चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर के अनिल ने परिस्थितियों को अपनी ताकत बनाया.अब उन्होंने आईएएस बनकर पूरे परिवार का भविष्य संवार दिया है.

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