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World Lung Day : फेफड़ों को स्वस्थ और मजबूत बनाने में योगाभ्यास है सहायक, इन आसनों का करिए रोजाना अभ्यास

शरीर में ऑक्सीजन के संचार को सुनिश्चित करने में फेफड़ों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। हम जब सांस लेते हैं तो हवा फेफड़ों में प्रवेश करती है और यहीं से रक्त में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है। फेफड़े हमारे शरीर में ऑक्सीजन को एकत्रित करने के साथ ही कार्बन डाइऑक्साइड जैसे अपशिष्ट गैस को शरीर से बाहर करने में भी सहायता करते हैं। फेफड़े शरीर के अति महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं। लेकिन हमारी लाइफस्टाइल की कई गलत आदतों के कारण फेफड़ों से संबंधित कई गंभीर बीमारियों का जोखिम काफी तेजी से बढ़ रहा है। फेफड़े में होने वाली किसी भी तरह की समस्या संपूर्ण शरीर को प्रभावित कर सकती है। इसलिए फेफड़ों की बढ़ती बीमारियों को कम करने और इस अंग को स्वस्थ्य रखने के उपायों के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 25 सितंबर को वल्र्ड लंग डे मनाया जाता है। योगासनों के माध्यम से फेफड़ों को मजबूत रखने के साथ ही कई तरह की बीमारियों के जोखिम को भी कम करने में मदद मिल सकती है। योगाभ्यास से ऑक्सीजन के संचार को बढ़ावा भी दिया जा सकता है। आइए जानते हैं कि किन-किन योगाभ्यासों से फेफड़े को फायदा होता है।

प्राणायाम

प्राणायाम से मिलता है लाभ
प्राणायाम से फेफड़ों की क्षमता में सुधार के साथ ही श्वास विकारों को कम किया जा सकता है। फेफड़ों की बीमारियों के जोखिम को कम करने और रक्त में ऑक्सीजन के संचार को बढ़ावा देने में भी लाभकारी है। योग विशेषज्ञों के अनुसार योग विशेषकर प्राणयाम, ब्रोंकाइटिस के कारण अवरुद्ध वायुमार्ग को खोलने में सहायता कर सकती है। प्राणायाम से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह फायदा होता है। आइये जानते हैँ फेफड़ों को सेहतमंद रखने वाले योगासन।

सुखासन
सुखासन योगाभ्यास

सुखासन फेफड़ों को स्वस्थ रखने और ऑक्सीजन के संचार को बढ़ावा देने के लिए कारगर माना जाता है। इस योगासन के दौरान शरीर को सीधा रखकर बैठने से फेफड़ों का विस्तार होता है और इसकी क्षमता में वृद्धि होती है। इस योगाभ्यास से शारीरिक स्वास्थ्य व मन को भी शांत और स्थिर रखने में भी लाभ मिलता है। फेफड़ों की कई गंभीर समस्याओं के लक्षणों को कम करने में भी सुखासन लाभकारी है।
फिश पोज योग करने से क्या होता है?

मत्स्यासन

मत्स्यासन का अभ्यास
मत्स्यासन जिसे फिश पोज भी कहते हैं। यह छाती को खोलने में मदद करता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन के संचार में वृद्धि होती है। यह आसन आपको पूरे दिन सक्रिय रखने में सहायक है। फेफड़ों की बीमारियों और श्वसन विकारों को कम करने में भी सहसायक है। फेफड़ों के अलावा यह योगासन गर्दन और पेट के हिस्से को स्ट्रेच और टोन करने में भी मदद करना है। तनाव-चिंता जैसे मानसिक विकारों को कम करने में भी मत्स्यासन लाभकारी है।

नोट: यह लेख योग विशेषज्ञों के सुझावों पर आधारित है। योगासनों को सही तरीके से करने के लिए किसी योगगुरु से संपर्क कर सकते हैं। यदि फेफड़े संबंधी कोई बीमारी है तो डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

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