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April 2014 : 14 अप्रैल है काफी खास! इस दिन मनाया जाना है बोहाग, बिहू, विशु, वैशाख और पुथंडु त्योहार

14 april 2023 special day : भारत को कृषि का देश कहा जाता है। भारत में लगभग सभी तरह के त्योहारों में खाने की अहम भूमिका होती है। इस वजह से वसंत फसल का मौसम बेहद ही उत्साह से मनाया जाता है। वही देश के अलग अलग हिस्सों में इसे अलग अलग नाम से जाना जाता है। असम राज्य में इसे बिहू, पंजाब में लोहड़ी, केरल में विशु तमिलनाडु में पुथंडु के नाम से जाना जाता है। किसान लोग ऐसे मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने के लिए उपर वाले से प्रार्थना करते है। बता दे की अप्रैल महीने में कई राज्यों में फसल उत्सव मनाया जाता है। देश भर में चिन्हित कुछ बेहद लोकप्रिय वसंत फसल त्योहारों के बारे में जानते है –

वैशाखी 2023
वैशाखी हर वर्ष अप्रैल महीने में आती है। भारत में इसे महीने को वसंत की शुरुआत होती है। वैशाखी मानने का सबसे बड़ा कारण है की सिख नववर्ष की शुरुआत और 1699 में गुरु गोविंद सिंह के नेतृत्व में योध्याओ को खालसा पंथ के गठन का प्रतीक मानना। इसे 14 अप्रैल 2023 को मनाया जायेगा। पंजाब में इस दिन को मुख्य रूप से मनाया जाता है। इस दिन लोग पारंपरिक रूप से चीनी, गेंहू के आटे में घी मिलाकर प्रसाद का निर्माण करते है। गिद्दा नृत्य भी किया जाता है। लोग गुरद्वार जाकर लंगर और सेवा करते है।

बोहाग बिहू 2023: बोहाग बिहू या रंगोली बिहू असम के सबसे बड़े त्योहारों में से एक त्यौहार माना जाता है। इसे असमिया नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। ये पर्व हर वर्ष अप्रैल के दूसरे सप्ताह में मनाया जाता है। जब कटाई की अवधि शुरू होती है तो इसे मनाया जाता है। इस वर्ष बोहाग बिहू 14 अप्रैल से 20 अप्रैल तक मनाया जायेगा। यह त्योहार लगभग सात दिन तक अलग अलग परंपरा को निर्देशित करता है।

पोइला वैशाख 2023 : पोइला वैसाख 2023 इस साल 15 अप्रैल को मनाया जायेगा। इस त्योहार को हर वर्ष भव्यता के साथ प्रदर्शित किया जाता है। ये बंगाली समुदाय से संबंध रखने वाले लोगों के लिए खास त्योहार माना जाता है। बता दे की इस पर्व को बंगाली नव वर्ष के लिए बेहद खास माना जाता है। इस दिन इस त्योहार को मानने वाले लोग घर में रहकर परिवार वालो के साथ समय बिताते है। अपने घरों में पोइला बैशाख विशेष तरह के व्यंजन भी तैयार करते है। वही पूजा करने के लिए मंदिरों में भी जाते है।

विशु 2023: विशु केरल राज्य में नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष विशु 15 अप्रैल को मनाया जाना है। इस पर्व को सूर्योदय के वक्त मनाया जाता है। इस दिन लोग सुबह उठकर विशु कानी को देखकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं। वही इस त्योहार के एक दिन पहले घर का मुखिया विशु कानी की स्थापना करता है। कच्चे चावल, फूल, सिक्के, नींबू सुनहरा ककड़ी, कटहल, एक पवित्र पुस्तक और कपास की धोती जैसे शुभ चीज को विशु कानी जी को समर्पित करता है।

पुथंडु 2023: पुथंडू जिसे पुथुवर्दुम भी कहा जाता है। इसे तमिल नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। देखा जाए तो तमिल कैलेंडर का ये प्रथम दिन होता है। इस दिन की शुरुआत कोल्लम बनाने से किया जाता है। घर के मुख्य द्वार पर रंगीन चावल से आटे की रंगोली बनाई जाती है। विशेष तरह के व्यंजन और लोक गीतों को गाकर इस पर्व को मनाया जाता है।

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