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दुनिया के 92 देशों में होता हैं महिलाओं के प्रोवेट पार्ट का ख़तना, जानिए क्या हैं इस परंपरा के पीछे की वजह

दुनिया के 92 देशों में होता हैं महिलाओं के प्रोवेट पार्ट का ख़तना, जानिए क्या हैं इस परंपरा के पीछे की वजह

दुनिया में इंसानो द्वार बनाए गए कहीं नियम कानून है जिसका परंपरा के नाम पर सदियों से पालन किया जा रहा है। जिसे अंधश्रद्धा कहना भी गलत नहीं होगा। धर्म और महजब के नाम पर ऐसी बहुत सी मान्यता को निभाया जा रहा है। अभी के वक्त में यह कुप्रथा बन चुकी है। कुछ प्रथा सरल होने से लोगो को उसे मानने में कोई परेशानी नहीं होती। लेकिन कुछ परंपरा इतनी ज्यादा दर्दनाक होती है। जिस के बारे में सोचकर ही रूह काफ जाती है। ऐसे ही एक दर्दनाक कुप्रथा महिलाओं से जुड़ी हुईं है।

इस्लाम धर्म मे खतना रिवाज के बारे में हर कोई जानता है। जो पुरषों में कहीं सदियों से चलती आ रही है। लेकिन आपने कभी यह रिवाज पुरुषो की तरह महिलाओं के लिएं सयाद नहीं सुना होगा। लेकिन यह सच है। महिलाओं मे भी खतना होता है। ओर यह इस्लाम और ईसाई धर्म के कुछ समुदायों में होता है। महिलाओं के जननांगों को काटने की इस परंपरा को फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन या एफजीएम कहा जाता है। ओर आम भाषा में खतना कहा जाता है। परंपरागत मान्यता के अनुसार महिला के प्राइवेट पार्ट के बाहरी हिस्सा को ब्लैड या धारदार ओजार से काट दीया जाता है। हैरान करने वाली बात यह है के यह पुरी प्रक्रिया बिना बेहोश कीए किया जाता है।

92 देशों में महिलाओं को होता है खतना

डाउन टू अर्थ वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार ये दर्दनाक कुप्रथा 92 देशों में अभि भी जारी है। वहीं 51 देशों मे कानूनी तौर पर बैन कर दीया गया है। डब्लूएचओ के अनुसार यह प्रक्रिया बिना किसी चिकित्सकीय के देने के वजह से महिलाओं के गप्तांगों को नुकसान पहुंचाए और उसमें बदलाव करे, उसे एफजीएम की ही श्रेणी में डाला जाता है। बहुत के लोग का मान है के महिलाओं मे खतना स्वास्थ के लिऐ फायदेमंद रहता है। लेकिन यह पूरी तरह से गलत और बेबुनियाद है। मिस्र में महिलाओं मे खतने के ज्यादा मामले सामने आए है। माना जाता है कि ये प्रथा अफ्रीकी देशों में ज्यादा प्रचलित है लेकिन एशिया, मध्य पूर्व, लैटिन अमेरिका, यूरोप, यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में भी यह कुप्रथा प्रचलन में देखी गई है। भारत में यह प्रथा बोहरा समुदाय और केरल के एक सुन्नी मुस्लिम समुदाय में मुख्य रूप से होती है।

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