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Vastu Tips: बड़े नुकसान से बचना है तो, घर की इस दिशा से आज ही हटा दें ये वस्तुएं
घर की बनावट व सजावट के लिए वास्तु शास्त्र में पूरा विवरण दिया गया है। वास्तु शास्त्र में दिशाओं का महत्व ज्यादा है। इसमें सबसे ज्यादा ईशान कोण यानी कि उत्तर-पूर्व दिशा का महत्व बहुत होता है। इसके पीछे कारण यह है कि इसे देवताओं की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में जहां कुछ चीजें का रखना बहुत शुभ होता है वहीं कुछ चीजें ऐसी भी हैं जिन्हें इस दिशा में रखना या बनवाना बहुत ही नुकसान दायक हो सकता है। आइये सबसे पहले ये जानते हैं कि उत्तर-पूर्व दिशा में क्या-क्या हम नहीं बनवा सकते हैं।
- उत्तर-पूर्व दिशा में शौचालय नहीं बनवाना चाहिए।
- यदि ईशान कोण से सटा हुआ किचन होता है तो वंश वृद्धि में समस्या आती है। फालतू खर्च बढ़ता है और महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी समस्या बनी रहती है।
- ईशान कोण में नहीं लगाने चाहिए भारी पेड़-पौधे ।
- ईशान कोण में तिजोरी नहीं होनी चाहिए, वरना खर्च बढ़ते हैं साथ ही चोरी का खतरा भी बढ़ता है।
- ईशान कोण को कभी भी गोलाकार नहीं होना, इन कोनों को कभी बंद नहीं करना चाहिए।
- इस दिशा में कभी भी झाड़ू नहीं रखना चाहिए।
- उत्तर-पूर्व दिशा में किचन नहीं होना चाहिए, इससे गृह क्लेश होता है और धन की हानि होती है। का नाश होता है।
- यदि ईशान कोण कटा हुआ या विकृत नहीं होना चाहिए, इससे संतान विकृत या विकलांग पैदा हो सकती है।
- ईशान कोण में सीढ़ी होना भी बहुत अशुभ माना गया है।
- ईशान कोण में टापू ,पहाड़ी, झरना इत्यादि की पेंटिंग लगाना भी अशुभ होता है, इससे महिलाओं का स्वास्थ्य खराब रहता है।
- ईशान में कचरा रखने या पत्थरों का ढेर लगाने या इसको ऊंचा करने से सामाजिक तौर पर शत्रुता बढ़ती है, जीवन में बहुत समस्याएं आती है।
उत्तर-पूर्व दिशा में ये चीजें होती हैं शुभ-
- ईशान दिशा पूजाघर, बालकनी, बरामदा, भूमिगत टंकी, नलकूप, स्वागत कक्ष और वर्षा के पानी के निकास के लिए बहुत ही उपयुक्त मानी जाती है।
- उत्तर-पूर्व दिशाको बहुत ही सुंदर ढंग से व्यवस्थित ढंग से रखना चाहिए, क्योंकि इस दिशा में भगवान का वास होता है।
- उत्तर-पूर्व दिशा तुलसी का पौधा लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है।