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Chanakya niti : जीवनसाथी चुनते समय इन बातों का रखें ध्यान, वरना जीवनभर करना पड़ेगा पश्चाताप

आचार्य चाणक्य भारतीय इतिहास के सबसे महान दार्शनिक, सलाहकार और शिक्षकों में से एक हैं। चाणक्य ने एक नीति शास्त्र की रचना की है। जिसमें उन्होंने मनुष्य के जीवन से जुड़ी लगभग बातों के बारे में विस्तार से बताया है। कहा जाता है कि आचार्य चाणक्य की नीति शास्त्र में कुल 17 अध्याय हैं। इन सभी अध्यायों में व्यक्ति के जीवन, दोस्ती, कर्तव्य, प्रकृति, पत्नी, बच्चों, धन, व्यवसाय और अन्य सभी चीजों के बारे में उल्लेख है, जो मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। अपने नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने जीवनसाथी चुनने से पहले उसमें कुछ गुणों को परखने की बात कही है। इन गुणों को परख कर आप अपने लिए एक बेहतर जीवनसाथी तलाश सकते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आचार्य चाणक्य के अनुसार एक अच्छे जीवनसाथी में कौन से गुण होने चाहिए…

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धार्मिक प्रवृत्ति
कहा जाता है कि धर्म-कर्म किसी भी व्यक्ति को एक सीमा में बांध कर रखते हैं। धार्मिक लोग कोई भी अनुचित कार्य नहीं करते हैं। इसलिए अपने जीवनसाथी को चुनते समय ये जरूर देख लें कि वो धार्मिक है या नहीं। चाणक्य नीति के अनुसार, धार्मिक स्वभाव वाला व्यक्ति न सिर्फ बेहतर जीवनसाथी साबित होगा, बल्कि ऐसा शख्स पूरे कुल को भी संस्कारवान बनाएगा।

धैर्यवान होना जरूरी
जीवन में कई बार ऐसी परिस्थितियां आती हैं, जब व्यक्ति को बहुत धैर्य के साथ काम करने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में अपने लिए जीवनसाथी चुनते समय ये जरूर देखें कि उसके अंदर धैर्य का गुण है या नहीं। चाणक्य नीति के अनुसार, धैर्यवान व्यक्ति मुश्किल समय में भी आपको सही राह दिखाएगा, जिसकी वजह से आप तमाम चुनौतियों को उसके सहयोग की बदौलत आसानी से हल करने में सक्षम रहेंगे।

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आंतरिक खूबसूरती जरूरी
चाणक्य नीति के अनुसार, कभी भी किसी व्यक्ति को उसकी खूबसूरती या बाहरी बनावट को देखकर उसे तवज्जो नहीं देना चाहिए। इंसान शक्ल सूरत से नहीं बल्कि मन से खूबसूरत होना चाहिए। शारीरिक आकर्षण तो एक समय के बाद समाप्त हो जाता है, लेकिन आंतरिक खूबसूरती जीवनभर साथ रहती है। ऐसा जीवनसाथी आपके लिए तो अच्छा होता ही है, साथ ही आपके पूरे परिवार को भी एक सूत्र में बांधे रखने वाला होता है।

दबाव में न करें फैसला
आपके लिए कौन सा जीवनसाथी बेहतर साबित हो सकता है, कौन विपत्ति में आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ देने वाला होगा, ये आप से बेहतर कोई नहीं समझ सकता है। इसलिए जीवन साथी चुनते समय सोच समझ कर फैसला लें। किसी के दबाव या इच्छा की खातिर कभी कोई फैसला न करें। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी के दबाव में विवाह करने का फैसला गलत साबित हो सकता है। इससे पति और पत्नी दोनों का जीवन प्रभावित होता है।

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