शादी के समय महिला की उम्र थी 41 और पति को बताई 36, हाईकोर्ट ने शादी को घोषित किया अमान्य
दरासल ये मामला 2014 का है जब एक महिला ने अपनी शादी के समय अपनी उम्र मात्र 36 साल बताई थी जिसके बाद उसकी शादी हो गई। फिर शादी के बाद उसके पति को यह पता चला कि उसकी पत्नी की। उस समय उम्र 41 वर्ष थी और उन्होंने धोखाधड़ी कर अपने पति को गलत उम्र बताई थी। इसके बाद पति ने अपनी पत्नी पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया और कहा कि मेरी पत्नी मुझ से 5 वर्ष बड़ी है और उसने मुझसे यह बात छुपाई। इसके बाद उसने उस पर मुकदमा दायर किया, जिसके बाद कोर्ट ने किस आधार पर डाइवोर्स के लिए मंजूरी दे दी।
इस केस की सुनवाई जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस विजय कुमार पाटिल ने मिलकर की साथ ही उन्होंने यह फैसला सुनाया कि शिकायतकर्ता की पत्नी उस से 5 साल बड़ी है और उसने अपने पति को धोखा देकर यह शादी की है। इसलिए उसके पति को यह पूरा अधिकार है कि वह अपनी पत्नी पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर उसे डाइवोर्स ले सकता है और इस शादी को भी खत्म कर सकता है।
साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इंडियन डायवोर्स एक्ट की धारा 18 और 19 पति-पत्नी को यह अधिकार देती है कि मैं अपने पति पत्नी पर धोखाधड़ी के आधार पर शादी को अमान्य घोषित कर सके। इस प्रकार कोर्ट ने धारा 18 और 19 के तहत इस केस की सुनवाई की और इस शादी को अमान्य घोषित किया।
बता दें कि पति ने पहले भी अपनी पत्नी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाकर फैमिली कोर्ट में प्रस्तुत किया था, लेकिन फैमिली कोर्ट ने पति की बात मानने से इनकार कर दी थी और यह कह दिया था कि वह इस शादी को अमान्य घोषित करने में विफल हो चुका है जिसके बाद वे अगले कोर्ट में गया और इस बार उसे न्याय मिला और इस तरह से न्यायालय ने उनकी शादी को अमान्य घोषित कर दिया।
दरअसल पति ने आरोप लगाया है कि उसकी पत्नी को कई दिनों से लाइलाज बीमारी थी और यह बात उसने अपने पति से छुपा कर रखा था। जिसके बाद जैसे ही पति को इस बारे में पता चला कि उसे इस तरह की बीमारी है तो उसने उसका इलाज कराया और उसे इस बारे में पता चला कि जब उस महिला की शादी हुई थी तो उस वक्त उसकी उम्र 36 नहीं बल्कि 41 वर्षीय जाने के बाद पति ने उस पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया और अपने शादी को अमान्य घोषित करने के लिए कोर्ट में केस कर दिया।