Agriculture Department Rewa: कृषि विभाग में फर्जी देयकों पर किया गया लाखों का भुगतान
REWA NEWS: म.प्र. राज्य कर्मचारी संघ ने कृषि विभाग के संभागीय दफ्तर में पदस्थ महिला अधिकारी सुश्री प्रीति द्विवेदी सहायक संचालक को आरोपों के कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। उनके कार्य व्यवहार पर प्रश्नचिन्ह लगाया है।
कर्मचारी संघ ने सहायक संचालक सुश्री द्विवेदी पर अनेक आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक एवं दण्डात्मक कार्यवाही की मांग की है। संघ के संभागीय अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह सेंगर द्वारा इस परिपेक्ष्य में विगत दिनों रीवा प्रवास पर रहे अपर संचालक कृषि शिवचरण सिंगादिया को शिकायती आवेदन सौंपा गया।
- राज्य कर्मचारी संघ ने अपर संचालक से की अनुशासनात्मक व दण्डात्मक कार्यवाही की मांग
- सहायक संचालक सुश्री प्रीति द्विवेदी के कार्य व्यवहार पर लगाया गया प्रश्नचिन्ह
सहायक संचालक सुश्री द्विवेदी पर लगाये गये आरोपों की निष्पक्ष जांच हो जाए तो कृषि विभाग की आत्मा से लेकर संभागीय दफ्तर की कोख में पल रहे उनके कारनामों का खुलासा हो जाएगा? खबर है कि उक्त के द्वारा महिला अधिकारी होने का भरपूर एवं अनुचित फायदा उठाया जा रहा है। कुछ समय पूर्व सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक आडियो के प्रसंग उपरांत सक्षम अथॉरिटी द्वारा लिये गये एक्शन के बाद से मैडम का रुतबा काफी बढ़ गया है। उसी कार्यवाही का भय अधिकारियों- कर्मचारियों को दिखाया जाता है। ये तमाम आरोप शिकवा-शिकायतों के माध्यम से लगाए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि सुश्री द्विवेदी कृषि विभाग की आत्मा परियोजना की प्रभारी अधिकारी रह चुकी हैं। अपर संचालक कृषि को सौंपे गये शिकायती आवेदन में एक आरोप यह भी लगाया गया है कि सुश्री द्विवेदी ने उप परियोजना संचालक आत्मा के पद पर रहते हुए प्रदर्शन, भ्रमण एवं प्रशिक्षण के नाम पर व्यापक अनियमितता की। उन्होंने प्रदर्शनों का भौतिक सत्यापन, प्रशिक्षणों में उपस्थिति संबंधी फोटोग्राफ, कृषक सूची का प्रमाणीकरण किये बिना ही मनमाने ढंग से वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों में फर्जी देयक प्रस्तुत कर लाखों रुपये के वाहन एवं स्टेशनरी का भुगतान स्वयं के खाते में करवाया है।
सेवानिवृत्त के 6 माह बाद भी प्रभार नहीं
संभागीय अध्यक्ष श्री सेंगर ने लेख किया है कि सेवानिवृत्त होने के 6 माह पूर्व शासकीय कर्मचारियों को कार्यालय प्रमुख आदि जबावदार पदों के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर देना चाहिए ताकि शासकीय धनहानि एवं लेखा जोखा संबंधी कार्य शासन के हित में किया जा सके। किन्तु कृषि विभाग में ऐसा नहीं किया जाता है। फरहदी प्रक्षेत्र में तत्कालीन प्रभारी नारायण सिंह के सेवानिवृत्त होने के 6 माह बाद भी प्रभार नहीं कराया गया। सहायक संचालक सुश्री द्विवेदी पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इनके द्वारा कभी भी प्रभार के संबंध में सक्षम अधिकारी के समक्ष नियमित नोटशीट प्रस्तुत ही नहीं की गई।
परमात्मा की भेंट चढ़ी आत्मा
सनद रहे कि कृषि विभाग की आत्मा योजना का उद्देश्य छोटे पैमाने पर खेती करने वाले किसानों को आत्म निर्भर बनाना और उनकी आय को दोगुना करना है। मगर विभागीय भस्मासुरों ने कृषि विभाग की आत्मा को परमात्मा की भेंट चढ़ा दिया है। अर्थात् सबकुछ परमात्मा के ही भरोसे है। कृषक प्रशिक्षण एवं भ्रमण तथा बीजों के प्रदर्शन के नाम पर लंबा गोलमाल आत्मा योजना में होता है। काफी समय तक रीवा जिले में आत्मा प्रोजेक्ट में सुश्री प्रीति द्विवेदी ने भी कार्य किया है।
आत्मा के साथ खिलवाड़ एवं कागजी प्रगति का सच निष्पक्ष जांच से ही बाहर आ सकता है जिसकी उम्मीद क्षीण है। कारण कि सुश्री द्विवेदी की राजनैतिक पकड़ काफी मजबूत है और राजनैतिक दबाव किसी भी जांच को प्रभावित करने अथवा मामले को दबाने के लिए अमोघ शस्त्र का काम करता है।