भोपालमध्य प्रदेश

दो मंत्रियों के बीच शीत युद्ध में फंसे ‘सरकार’

शिवराज सरकार के दो मंत्रियों के बीच राजनीतिक दुश्मनी कई वर्षों से चल रही है। दोनों ही एक-दूसरे के पर कतरने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। एक ‘सरकार’ का चहेता है तो दूसरे को संगठन-संघ का वरदहस्थ प्राप्त। हाल ही में दोनों के बीच जिस तरह से शीत युद्ध चल रहा है, उससे ‘सरकार’ फंस सकते हैं। एक मंत्री ने दूसरे मंत्री के करीबी रिश्तेदार अफसर को घोटाले में फंसा दिया। फिर एक विधायक से विधानसभा में मामला उठवाया। इसके बाद उसे सस्पेंड भी करा दिया। इतना ही नहीं, FIR भी दर्ज करा दी।

इससे नाराज मंत्री को अब बदला लेने का मौका मिला। एक मुद्दे पर प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस-भाजपा के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए थे। ऐसे में मंत्रीजी मौके पर पहुंच गए और बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ बैठ कर बात रहे थे। फिर क्या था, दूसरे मंत्री के समर्थकों ने हवा फैला दी कि मंत्री जी धरने पर बैठ गए हैं। सोशल मीडिया में यह खबर जमकर वायरल हुई कि अपनी ही सरकार में मंत्रीजी धरने पर बैठे। इस पर मंत्री को सफाई देते हुए बयान जारी करना पड़ा। मामला यही नहीं रुका। सुना है कि संगठन ने इसे गंभीरता से ले लिया है। और इस पर ‘सरकार’ से जवाब मांगा जा सकता है।

भोपाल में बैठा एक कुलपति भ्रष्टाचार की खान…

एक दिन पहले अंबेडकर विश्वविद्यालय में कुलपति को हटाने-बचाने का खेल हुआ। सरकार इस महिला कुलपति को हटाना चाहती थी, लेकिन संघ के करीबी आड़े आ रहे थे। जब सारे दांव फेल हो गए तो कुलपति ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को भेज दिया, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया। इसके बाद सरकार हरकत में आई। उच्च शिक्षा विभाग ने आनन-फानन में कुलपति को हटाने का आदेश जारी किया। इतना ही नहीं, मंत्री को बयान जारी कर कहना पड़ा कि अनियमितताओं के चलते कुलपति को हटाया गया है। इस घटनाक्रम के बाद विभाग से चर्चा बाहर आई है कि इस कुलपति पर एक्शन छोटी मछली मारने जैसा है। भोपाल के एक विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार करने वाला एक मगरमच्छ बैठा है, उस पर कोई एक्शन क्यों नहीं हो रहा? जबकि जांच में भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध हो चुके हैं। अब देखना है कि ‘सरकार’ क्या करते हैं?

रेत ठेका कैंसिल कर फंस गए…

खनिज विभाग ने पिछले दिनों एक आदेश जारी कर कई जिलों के रेत ठेके निरस्त कर दिए थे। लेकिन एक बड़े जिले का ठेका निरस्त करना आफत बन गया है। हरियाणा की एक कंपनी ने इस जिले में ठेका लिया था। इसको लेकर ऊपर से निर्देश आए हैं कि कार्यवाही रोक दी जाए। पता चला है कि इस कंपनी की पहुंच से खनिज विभाग के अफसर अनभिज्ञ थे। अब असमंजस यह है कि इस कंपनी का ठेका बहाल करने पर अन्य ठेकेदारों ने कोर्ट में जाने की धमकी दे दी है।

जेल में सख्ती नहीं चाहते मंत्रीजी

पिछले दिनों एक जेल में झगड़े की खबर के बाद सरकार ने सख्ती के आदेश जारी कर दिए थे। लेकिन एक मंत्री को यह चुभ गया। उन्होंने जेल अधिकारियों को निर्देश दे दिए कि संभ्रांत परिवारों से जुड़े आरोपियों पर सख्ती से पेश नहीं आएं। उन्हें घर का खाना सहित अन्य सुविधाएं दी जाएं। सुना है कि मंत्री और ‘सरकार’ के बीच अनबन चल रही है। हाल ही में कैबिनेट की बैठक में भी मंत्रीजी ने ‘सरकार’ की मंशा के विरुद्ध जाकर अपनी बात रख दी थी।

और अंत में…रेपिस्ट को बचाने नेताजी की चिट्‌ठी

भाजपा के एक सीनियर लीडर ने रेपिस्ट को बचाने के लिए मंत्री को चिट्‌ठी लिख दी। इतना ही नहीं, उन्होंने पीड़िता को प्रताड़ित करने का अनुरोध भी कर दिया। मामला मंदसौर जिले का है। चूंकि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है, ऐसे में गिरफ्तारी भी तय है। नेताजी ने पहले स्थानीय अफसरों को अपना रुतबा दिखाते हुए एक्शन नहीं लेने को कहा, लेकिन जब बात नहीं बनी तो PHQ में अप्रोच की। सुना है कि इसके बाद एक सीनियर महिला IPS अफसर ने मंदसौर पुलिस को पत्र लिखकर मामले को फिलहाल जांच में रखने को कहा है। बता दें कि नेताजी, सरकार को लेकर अक्सर बेबाकी से सोशल मीडिया पर लिखते रहते हैं।

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