भोपालमध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश में मिला H3N2 वायरस का पहला मरीज, जानिए अब क्या होगा

भोपाल: मध्य प्रदेश के निवासियों के लिए बुरी खबर! दरअसल, प्रदेश में H3N2 इन्फ्लूएंजा की एंट्री राजधानी भोपाल में हो गई है. बता दें कि 16 मार्च यानी कल गुरुवार को एक युवक की रिपोर्ट H3N2 पॉजिटिव आई है. इस विषय पर स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त डॉ. सुदामा खाड़े द्वारा सभी जिलों के सीएमएचओ और सिविल सर्जन को एडवाइजरी जारी कर दी गई है. महतवपूर्ण बात यह है कि भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में इसकी जांच की प्रक्रिया शुरू होगी. साथ ही अस्पतालों में जरूरी उपकरण, दवाएं और मेडिकल ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था करने के आदेश जारी किए गए हैं.

आपको बता दें कि स्वास्थ्य संचालनालय के मुताबिक, 3-4 दिन पहले बैरागढ़ रहवासी 25 वर्ष के युवक को सर्दी-खांसी को लेकर परेशानी दर्ज़ की गई थी. इसके बाद उसके स्वैब का सैंपल H3N2 इनफ्लुएंजा की जांच के लिए भोपाल के एम्स भेजा गया था. जिसके बाद युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. अब युवक घर में ही क्वारेंटाइन है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग द्वारा बताया गया है कि H3N2 पॉजिटिव युवक की सेहत स्थिर है. उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं है.
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के मुताबिक़ छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, शुगर, हार्ट, लिवर, किडनी एवं कैंसर के मरीजों को H3N2 इनफ्लुएंजा के संक्रमण का खतरा अधिक है. इन बीमारियों से मरीज या पीड़ित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता न्यूनतम होती है. इसके अतिरिक्त संबंधित बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति इम्युनो कंप्रोमाइज्ड होते हैं. जारी किए गए गाइडलाइन के अनुसार, इम्युनो कंप्रोमाइज्ड श्रेणी के इन मरीजों को H3N2 और H1N1 का संक्रमण होने पर उनकी सेहत काफी गंभीर और खराब हो सकती है. इन बीमारी से पल रहे पीड़ित मरीजों को इस वायरस के संक्रमण में अस्पताल में भर्ती भी करने की स्तिथि पड़ सकती हैं.
साथ ही इस एडवाइजरी के अनुसार H3N2 और H1N1 इनफ्लुएंजा के सिम्पटम्स वाले मरीजों को ओसाल्टामिविर (टैमी फ्लू) की dwa उपलब्ध कराया जाना चाहिए. यह दवा उन मरीजों को दी जाए, जिनमें सीजनल इन्फ्लूएंजा (H3N2, H1N1) के लक्षणों के साथ नए वेरिएंट की संभावना हो.
दरअसल, भोपाल में पहला केस निकले के बाद स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदामा खाड़े द्वारा संक्रमण में वृद्धि होने से पहले सीएमएचओ और सिविल सर्जन को एडवाइजरी दी गई है. उस इलाकों में अधिक सर्वे होगा जहां गले में इन्फेक्शन के केस ज्यादा हैं. बता दें कि यह सर्वे रेपिड रिस्पॉन्स टीम से कराया जाएगा, क्योंकि H3N2 के संक्रमण को कम्युनिटी स्प्रेड होने से पहले कंट्रोल किया जा सके. और इसे रोका जा सके और बड़ने से.

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