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Smart Cause: प्रदेश में जो सरकार नहीं कर पाई वह शिक्षकों ने कर रचा इतिहास

विंध्य भास्कर न्यूज। प्रदेश में अब तक शिक्षा के करोड़ों खर्च करने के बाद जो सरकार नहीं कर पाई है। वह सीहोर जिले के शिक्षकों ने कर दिखाया है। शिक्षकों व जनसहयोग से जिले की हर क्लास को स्मार्ट क्लास बना कर आज सीहोर जिले के शिक्षकों ने इतिहास रचा है। शिक्षकों ने अपने खून-पसीने की कमाई से 4 करोड़ 25 लाख रूपए इक_े किए और जिले के 1552 विद्यालयों को 1630 स्मार्ट टीवी प्रदान किए। जिले के जन-प्रतिनिधियों और प्रशासन ने भी इसमें पूरा सहयोग किया। प्रदेश के विकास में सरकार के साथ समाज के सहयोग का यह अनुकरणीय इसे लेकर शिक्षकों का अभिवादन करने पहुंच मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार बच्चों को शिक्षा के लिए हरसंभव सहायता दिलवा रही है। मेधावी विद्यार्थियों को 12वीं कक्षा में 75 प्रतिशत और अधिक अंक लाने पर लेपटॉप प्रदान किया जाता है। अब सरकार दसवीं कक्षा के मेधावी विद्यार्थियों को भी लेपटॉप दिए जाने का सोच रही है।

प्रदेश में जो सरकार नहीं कर पाई वह शिक्षकों ने कर रचा इतिहास
प्रदेश का स्मार्ट क्लॉस वाला जिला बनाकर रचा इतिहास, मुख्यमंत्री भी पहुंचे

उच्च शिक्षा की फीस भी सरकार भर रही है। प्रदेश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में प्रारंभ की गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अंग्रेजी पढऩा चाहिए परंतु इसकी अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए। स्कूलों में विद्यार्थियों को अतिरिक्त अध्ययन सहायता के लिए मुख्यमंत्री अध्ययन केंद्र खोले जा रहे हैं। प्रदेश में शीघ्र ही 1 लाख 14 हजार सरकारी पदों पर भर्ती होगी। इसके लिए प्रशिक्षण सुविधा भी सरकार दिलवाएगी।

सीएम ने बच्चों को परीक्षा में सफल होने बताए टिप्स

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विद्यार्थियों के साथ संवाद किया और उनके प्रश्नों के समाधानकारक उत्तर दिए। छात्र हरिओम विश्वकर्मा ने मुख्यमंत्री से पूछा कि एग्जाम स्ट्रेस को कैसे दूर करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मेहनत करो और परिणामों की चिंता मत करो, मन को शांत रखो, नियमित दिनचर्या रखो और प्रतिदिन योग और प्राणायाम करो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंच पर बच्चों को प्रणायाम करके भी बताया। अनुलोम-विलोम, भ्रामरी सहित 5 तरह के प्राणायाम मन को एकाग्र और स्थिर करते हैं और हर प्रकार के तनाव को दूर करते हैं।

छात्रा नेहा राठौर ने मुख्यमंत्री से पूछा कि एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी में कौन-कौन से गुण होना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि वह निष्पक्ष रूप से सोचे, उसके अंदर अहंकार न हो, वह कभी धैर्य नहीं खोए, हमेशा उत्साहित रहे और पूरी संवेदनशीलता हों। छात्रा अर्चना विश्वकर्मा ने पूछा कि मामा आप हमेशा इतने ऊर्जावान कैसे रहते हैं। इस पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यदि व्यक्ति कोई अच्छा कार्य करने की मन में ठान लेता है, दृढ़ इच्छाशक्ति होती है तो ऊर्जा अपने आप अंदर पैदा होती है। मेरे मन में हमेशा यह भाव रहता है कि मुझे प्रदेश की साढ़े 8 करोड़ जनता की सेवा करनी है और यही इच्छाशक्ति मुझे निरंतर कार्य करने की ऊर्जा प्रदान करती है। उन्होंने अपनी पत्नी श्रीमती साधना सिंह का उदाहरण देकर बताया कि वे जब पचमढ़ी गईं तो वहाँ की बहुत ऊँची चोटी पर स्थित चौरागढ़ मंदिर पर जाने की इच्छाशक्ति ने उन्हें वहाँ तक पहुँचने की शक्ति दी और वे वहाँ पहुँच गईं।

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