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साइबर तहसील 2.0 : बटांक विक्रय वाली जमीनों का भी अब घर बैठे हो जाएगा नामांतरण, 10 दिन में मिल जाएंगे दस्तावेज

REWA NEWS: जमीनों के क्रय-विक्रय के बाद नामांतरण की प्रक्रिया को राज्य शासन ने और आसान बना दिया है। साइबर तहसील 1.0 में सिर्फ उन्हीं जमीनों के मामले साइबर तहसीलदार द्वारा निराकृत किए जाते थे, जिसमें खसरे की संपूर्ण जमीन विक्रीत होती थी। अब साइबर तहसील 2.0 में उन खसरों को भी शामिल कर लिया गया है, जिसमें किसी खसरे का पूरा रकबा न बेचा जाकर अंश रकबा क्रय-विक्रय किया जा रहा है।

  • विक्रीत जमीन के नामांतरण के पहले गांव के 20 लोगों के मोबाइल में आएगा मैसेज

इसमें यह सुविधा भी जोड़ी गई है कि नामांतरण के पहले इश्तहार का सार्वजनिक प्रकाशन ऑनलाइन पद्धति से होगा। इसमें संबंधित गांव या वार्ड के न्यूनतम 20 लोगों के पास एसएमएस के जरिए मैसेज भेजा जाएगा कि यहां की जमीन का क्रय विक्रय हो रहा है।

इस तरह प्रकाशित होगा इश्तहार: प्रमुख राजस्व आयुक्त ने बताया कि इस प्रक्रिया में सार्वजनिक सूचना अपने आप जारी हो जाएगी। जो क्षेत्रीय तहसीलदार के रीडर लॉगिन पर, पटवारी के सारा लॉगिन पर आरसीएमएस के होमपेज के ई-नोटिस मेन्यू पर प्रदर्शित होगी। रीडर इसका प्रिंट लेकर तहसील कार्यालय के सूचना पटल, संबंधित पंचायत या नगरीय निकाय के कार्यालय के सूचना पटल पर तामीली करवाएगा। इसकी सूचना रीडर लॉगिन बाक्स पर टिक करेगा। आरसीएमएस के माध्यम से भी सार्वजनिक सूचना का प्रकाशन होगा। आरसीएमएस के जरिए संबंधित गांव या वार्ड के न्यूनतम 20 लोगों को एसएमएस के माध्यम से सूचना दी जाएगी।

इस तरह होगी आपत्ति
अगर किसी को नामांतरण पर आपत्ति है तो वह आरसीएमएस पोर्टल पर ई-नोटिस में जाकर आपत्ति ऑनलाइन दर्ज कर सकेगा। अगर ऑफलाइन करना है तो पटवारी या तहसीलदार के पास आपत्ति दर्ज कर सकता है।
नुकसान भी…
1. अगर कोई किसी दूसरे की जमीन बेच रहा है तो उसे रोकने की प्रक्रिया नहीं है।
2. वर्तमान सिस्टम अभी 2005 के आदेश बाई डिफाल्ट उठा रहा है। अगर इसके बाद कोई ऑर्डर हुआ है तो वह नहीं दिख रहा। इससे दो आदेश जारी होने की संभावना है।

यह होगी क्रय-विक्रय प्रक्रिया

आधार नंबर के आधार पर दस्तावेज अपलोड किए जाएंगे। इसके बाद संबंधित रता के अकाउंट से विक्रेता के अकाउंट में राशि ट्रांसफर होगी। अपलोड किए जाने वाले दस्तावेजों में नजरी नक्शा बनाकर भी अपलोड करना होगा। यह काम घर बैठे भी किया जा सकेगा। जब अंश रकबे के पंजीयन (रजिस्ट्री) की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, तो संपदा पोर्टल के माध्यम से यह प्रकरण संबंधित तहसील के तहसीलदार के पास पहुंचेगा। अगर संपूर्ण रकबा होता तो यह भोपाल के साइबर तहसीलदार के पास पहुंचता। तहसीलदार इस प्रकरण को प्रोसेस कर पटवारी की आइडी में देगा। अगर 3 दिन में तहसीलदार प्रोसेस नहीं करते हैं तो पटवारी की आइडी में प्रकरण अपने आप पहुंच जाएगा। पटवारी को 10 दिन के अंदर इस मामले में प्रतिवेदन देना होगा।

Surendra Tiwari

I am Surendra Tiwari, Editor of the Vindhya Bhaskar. I am writing on Automobile and Tech Content from Last 5 years.

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