मध्य प्रदेशरीवा

Election Lok Sabha 2024: तंग हाली में होगी रीवा में मतगणना, प्राइवेट स्कूलों से मांगी गई टेबिल और कुर्सियां

रीवा: लोक सभा चुनाव 2024 के लिए मतदान हो गया। अब मतगणना की बारी है। प्रशासन तैयारियों में जुट गया है लेकिन उसके पहले ही खामियां सामने आने लगी है। लोकसभा के लिए प्रशासन टेबिल कुर्सियों का इंतजाम नहीं करा पा रहा है। स्कूलों से मांगया जा रहा है।

जिला शिक्षा अधिकारी को कुर्सियों के लिए कहा गया। उन्होंने सरकारी स्कूलों से उपलब्ध कराने से हाथ खड़े कर दिए। अब प्राइवेट स्कूलों से मांगा जा रहा है। लोकसभा चुनाव में अव्यवस्था के कारण कर्मचारी और अधिकारी नाराज हुए थे। चुनाव की जिम्मेदारी जिन्हें दी गई थी वह गोपनीय तरीके से काम कर रहे थे।

  • इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रशासन के पास गणना के लिए टेबिल कुर्सियां तक नहीं
  • 21 स्कूलों से 50-50 टेबिल कुर्सियां उपलब्ध कराने के निर्देश
  • सरकारी स्कूलों ने परीक्षा का हवाला देकर खड़े किए हाथ

बजट ही स्वीकृत नहीं कर रहे थे। लोकसभा में भी इन्हीं अधिकारियों की लापरवाही के कारण कई मतदानकर्मियों की राशि उनके खाते में नहीं पहुंची। अब फिर से लोकसभा चुनाव में मतगणना के लिए भी जुगाड़ शुरू हो गया है। टेबिल कुर्सियां का खर्च बचाने के लिए निर्वाचन कार्य में लगे अधिकारियों ने नई तरकीब निकाल ली है।

निर्वाचन के लिए करोड़ों का बजट आया लेकिन रीवा जिला के अधिकारी मतगणना के लिए कुर्सी और टेबिल का इंतजाम नहीं कर पाए। मतणना आठ विधानसभा की अलग अलग कक्ष में होनी है। लोकसभा में कुर्सियां और टेबिल का इंतजाम कर लिया गया था। इस मर्तबा स्कूलों से मदद मांगी जा रही है।

इसके इंतजाम के लिए जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा प्रसाद गुप्ता को जिम्मेदारी सौंपी गई। जिला शिक्षा अधिकारी ने परीक्षा का हवाला देकर सरकारी स्कूलों से टेबिल कुर्सियां दिलाने से हाथ खड़े कर दिए। अब इसके बाद प्राइवेट स्कूलें निशाने पर हैं। उन्हें निशाना चनाया गया है। स्कूल संचालकों के पास टेबिल कुर्सियां उपलब्ध कराने का फरमान पहुंच गया है।

स्कूल संचालकों को पहुंचाना फिर ले जाना पड़ेगा
निर्वाचन अधिकारियों ने स्कूलों का फरमान जारी कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। अब स्कूल संचालकों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। कोई भी स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। कुर्सियां पहुंचाने के लिए कहा गया है। पहुंचाने के बाद उन्हें वापस ले भी जाना पड़ेगा। इस कार्य में जो भी खर्च आएगा। वह खर्च कौन वजन करेगा। यह अधिकारियों ने स्पष्ट नहीं किया है। ऐसे में स्कूल संचालक असमंजस में फंसे हुए हैं।

 

सिर्फ टेबिल और 50-50 टेबिल कुर्सियां मांगी गई हैं
सरकारी स्कूलों से टेबिल कुर्सियां नहीं मिली तो प्राइवेट स्कूलों से मांगी गई है। रीवा की 21 स्कूलों को 50-50 की संख्या में टेबिल कुर्सियां उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। ऐसी बदतर स्थिति रीवा में पहली मर्तबा देखने को मिली है जब स्कूलों से टेबिल और कुर्सियां मंगवानी पड़ रही है। इसके पहले विधानसभा चुनाव भी हुआ लेकिन ऐसे हालात नहीं बने थे। इस लोकसभा चुनाव में बजट और इंतजाम को लेकर ही मारामारी देखने को मिली। पहले कलेक्ट्रेट के अधिकारी कर्मचारी स्टेशनरी के लिए परेशान थे। अब स्कूल संचालकों को परेशानी में डाल दिया गया है।

यह सारे इंतजाम करने होंगे
20 मई से 26 तक मतगणना स्थल में बाहर की सभी तैयारियों पूरी करनी है। लीज लाइन लगाने तथा मतगणना कक्षों सहित अन्य कक्षों में टेलिविजन तथा कैमरे लगाये जाने हैं। कैमरों की पूर्व से ट्रायल किया जाएगा। प्रवेश द्वारों में कैमरे लगाए जाएंगे। मतगणला 4 जून को की जायेगी। मतगणना स्थल पर पीने के ठण्डे पानी की पर्याप्त व्यवस्था के निर्देश हैं। एम्बुलेंस व डॉक्टर्स की टीम का भी इंतजाम किया जाएगा।

Surendra Tiwari

I am Surendra Tiwari, Editor of the Vindhya Bhaskar. I am writing on Automobile and Tech Content from Last 5 years.

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