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Rajendra Shukla Deputy Chief Minister: राजेंद्र शुक्ल के उपमुख्यमंत्री बनने से रीवा में उत्साह

गौरवान्वित हुआ विंध्य, पहली बार रीवा से डिप्टी सीएम

मप्र की 16वीं विधानसभा के गठन के लिए सोमवार को घोषणा की गई। प्रदेश का मुख्यमंत्री उज्जैन दक्षिण के विधायक व मंत्री मोहन यादव को बनाया गया और दो उप मुख्यमंत्रियों की भी घोषणा हुई।

उप मुख्यमंत्री का एक पद रीवा जिले के खाते में भी आया है। रीवा विधानसभा से लगातार पांचवीं बार विधायक और मंत्री राजेंद्र शुक्ल को उप मुख्यमंत्री चुना गया है। यह पहला अवसर है जब रीवा के किसी राजनीतिक व्यक्ति को इस पद से नवाजा गया है।

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अर्जुन सिंह के बाद विंध्य के लिए भी इतने बड़े सम्मान का दूसरा अवसर है। राजेंद्र शुक्ल के रूप में विंध्य को मिले इस सम्मान से विंध्यवासी हर्षित हैं।

राजेंद्र शुक्ल रीवा ही नहीं विंध्य के इकलौते नेता हैं जो लगातार चार बार चुने गए और मंत्री बने। 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत का सिलसिला बरकरार रखते हुए पांचवीं बार न केवल विधायक चुने गए अपितु सूबे का उप मुखिया बनाए गए।

राजेंद्र शुक्ल के उप मुख्यमंत्री चुने जाने की जानकारी जैसे ही उनके समर्थकों को लगी जमकर पटाखे फोड़े और मिठाइयां बांटी। पुराना बस स्टैंड, शिल्पी प्लाजा में उनके समर्थकों द्वारा फटाखे फोड़ कर व एक दूसरे का मिठाई खिलाकर खुशियां जाहिर की गईं।
सफरनामा

1986 में छात्र संघ अध्यक्ष बने 2023 में बनेंगे उप मुख्यमंत्री

• मध्य प्रदेश के प्रमुख नेताओं में से एक राजेंद शुक्ला में बचपन से ही लीडरशिप के गुण थे। रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग पढ़ाई दौरान वर्ष 1986 में छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए थे और 37 साल बाद प्रदेश के उप मुख्यमंत्री चुने गए हैं।

59 वर्षीय राजेंद्र शुक्ल का पारिवारिक ताल्लुक व्यवसायिक था। वह देश- प्रदेश के नामी संविदाकार स्व. भैयालाल शुक्ल के बेटे हैं। उनका अरबों का कारोबार था, लेकिन नेतृत्व गुण हावी होने के कारण उन्होंने राजनीति की ओर कदम बढ़ाया।

1998 के चुनाव में वे पहली बार भाजपा से रीवा से विधानसभा चुनाव में उतरे। पहली बार असफल तो हुए, लेकिन उसके बाद अपराजेय हो गए।

2003 के चुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीते। इसके बाद 2008, 2013, 2018 के चुनाव में लगातार जीत का सिलसिला जारी रहा। 2023 के चुनाव में लगातार पांचवीं बार विधायक चुने गए। जनता का आशीर्वाद मिला तो अब प्रदेश के शीर्ष पद के लिए चुने गए।

यह उनके राजनीतिक जीवन के लिए कीर्ति का विषय तो है ही, रीवा व विंध्यवासियों के लिए भी गौरव की बात है। इसे रीवा व विंध्य के समग्र विकास के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों का प्रतिसाद ही कहा जा सकता है।

जितनी बार जीते, उतनी बार मंत्री

• 2003: पहली बार रिकॉर्ड वोटों से विधानसभा चुनाव जीतने वाले राजेंद्र शुक्ला को आवास और पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद दिया गया। इस कार्यकाल में पहले स्व. बाबूलाल गौर की सरकार में, और उसके बाद शिवराज सिंह चौहान की सरकार में मंत्री बने।

• 2008: श्री शुक्ल रीवा विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार जीते। और इस बार उन्हें ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्री बनाकर मंत्रीपरिषद में शामिल किया गया।

• 2013: मध्य प्रदेश की 14वीं विधानसभा में चुनाव जीतकर आने वाले राजेंद्र शुक्ला को उद्योग नीति और निवेश संवर्धन मंत्री बनाया गया। इसके अलावा उन्होंने जनसंपर्क विभाग भी संभाला।

• 2018: 2018 में एमपी में कांग्रेस की सरकार बनी थी लेकिन 2020 में यह सरकार गिर गई और एक बार फिर भाजपा सत्ता में आई। इसके बाद 2023 में राजेंद्र शुक्ला को एक बार फिर, यानी कुल चौथी बार कैबिनेट में जगह मिली। इस बार श्री शुक्ल को जनसंपर्क एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का मंत्री बनाया गया।

• 2023: 2023 में वे पांचवीं बार चुनाव जीते और उन्हें डिप्टी सीएम के लिए चुना गया है। वह प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बनेंगे।

विंध्य में विकास की उम्मीदों को पंख

रीवा। प्रदेश के डिप्टी सीएम चुने गए राजेंद्र शुक्ल ने 2003 से विधायक व मंत्री के रूप में रीवा के विकास के लिए अभूतपूर्व कार्य किए हैं। इसके पूर्व वे चार बार विधायक चुने गए और चारों बार मंत्री बने।

इस दौरान कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी, पर्यटन विकास, हवाई व रेल सेवा में वृद्धि के लिए उन्होंने काम किए हैं। रीवा शहर के विकास की दिशा में भी काफी काम किए गए।

ट्रैफिक लोड वाले मुख्य क्षेत्रों में फ्लाई ओवर के निर्माण ने रीवा को महानगर का लुक दिया है। रीवा के चौतरफा विकास के कारण लोग उन्हें विकास पुरुष की कहने लगे हैं।

▶▶▶ गुढ़ के बदवार में एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट, मुकुंदपुर में व्हाइट टाइगर सफारी, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विवि की इकाई, बाण सागर की नहरों का रीवा जाल, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, जिला चिकित्सालय के उन्नयन के लगातार कार्य, शहरवासियों को मीठा पानी के लिए लगभग 45 एमएलडी से अधिक के वाटर फिल्टर प्लांट की स्थापना आदि कार्यों का श्रेय राजेंद शुक्ल को जाता है। शहर के भीतर की सड़कों, समान तिराहा में थी लेग फ्लाई ओवर व सिरमौर चौराहा में थी लेग फ्लाई ओवर और रेलवे स्टेशन के पास थी लेग आरओबी का निर्माण राजेंद्र शुक्ल की

विकासात्मक सोच की परिणित है।

▶निजी निवेश के तहत जहां एक ओर सरदार पटेल अंतर्राज्यीय बस स्टैंड समान तिराहा का निर्माण किया गया, वहीं दूसरी ओर रिवर फ्रंट योजना के तहत साबरमती की तर्ज पर बीहर नदी के दोनों तटों का सौंदयीकरण किया जा रहा है।

पर्यटन व संस्कृति के दृष्टिकोण से कृष्णा-राजकपूर आडिटोरियम, इंको पार्क, रानी तालाब, रतहरा, चिरहुला तालाब का सौंदयीकरण के साथ ही विवेकानंद पार्क, निर्माणाधीन सिविल लाइन पार्क प्रमुख हैं।

इसके साथ ही अधिकांश मोहल्ले में एक-एक पार्क व उनमें निःशुल्क जिम के उपकरण भी लगाए गए, जहां लोग सुकून के पल साथ-साथ बिताते हैं।

▶पचमठा का कायाकल्प कर अध्यात्मिक केंद के पुनरुत्थान का कार्य किया, वहीं रीवा में संस्कृत विवि की नींव भी अभी हाल में रखने का काम किया गया है। लक्ष्मणबाग में संस्कृत भाषा के लिए पाणिनि विवि की शाखा की शुरुआत भी हो चुकी है।

पॉलिटेक्रिक कॉलेज की भी स्थापना के बाद अब शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज को डीम्ड यूनीवर्सिटी बनाए जाने का प्रयास भी आरिवरी चरण में है। विकसित नगरों की तर्ज पर बना सुव्यवस्थित नवीन कलेक्ट्रेट भवन अपनी नई पहचान दे रहा है।

रीवा के विस्तार को मिली गति, हवाई उड़ान की तैयारी राजेंद्र शुक्ल के सरकार में शामिल होने के बाद रीवा के विस्तार को भी गति मिली है। चोरहटा से रहतरा बाईपास निर्माण के साथ ही रिंग रोड फेज वन रतहरा से सिलपरा व रिंगरोड फेज टू सिलपरा से अगडाल के निर्माण ने रीवा के विस्तारित किया है।

नीम चौराहा से करहिया बाईपास ने शहर के इस भाग को विकास की मुख्यधारा से जोड़ दिया है। मोहनिया टनल व सभी प्रमुख राजमागों का नेशनल हाइवे व एनएच को फोर लेन बनाने का काम भी इन्हीं 18 वर्षों में हुआ है।

आज मोहनिया टनल ने न केवल आवागमन को सुगम बनाया, अपितु पर्यटन का केंद्र भी बनी हुई है। इसके साथ ही रीवा से सिंगरौली रेल लाइन का निर्माण कार्य जो पिछले 30-40 वर्षों से मृतःप्राय था, वह भी तेजी से प्रगति पर है।

अब तो रीवा हवाई उड़ान भी भरने वाला है। चोरहटा में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और नए वर्ष में मार्च तक 72 सीटर विमानों की उड़ान भी शुरू होने वाली है।

अभी ये उम्मीदें
भले ही रीवा का अधोसंरचनात्मक, शैक्षिणिक व स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी विकास हुआ हो लेकिन रोजगार की दिशा में रीवा अब भी पिछड़ा हुआ है। हालांकि होटलों, निजी अस्पतालों व बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के खुलने से कुछ लोगों ‘को रोजगार अवश्य मिल रहा है, लेकिन रीवा में ऐसा कोई उद्योग पंधा नहीं है जिससे बेरोजगार युवाओं को स्थानीय स्तर पर बड़ी संख्या में रोजगार मिल सके।

राजेंद शुक्ल के उप मुख्यमंत्री बनने के बाद लोगों में विंध्य में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की उम्मीदें बढ़ी हैं। इसके साथ ही रीवा में बहुप्रतीक्षित एक और कन्या महाविद्यालय या फिर कन्या विवि की स्थापना की मांग अर्से की जा रही है। लोगों को उम्मीद है इस बार यह मांग भी पूरी हो सकती है।

विंध्य के नेता के रूप में उभरे राजेंद्र शुक्ल

लगातार तीन बार चुनाव जीतने व विंध्य में बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा ने 2022 के उपचुनाव में विंध्य की कमान राजेंद्र शुक्ल को सौंपी थी। उन्हें अनूपपुर का प्रभारी बनाया गया था। परिणामस्वरूप कांग्रेस छोड़ कर भाजपा का दामन थामने वाले खाद्यमंत्री बिसाहूलाल सिंह के पक्ष में रणनीतिक माहौल बनाने में सफल रहे और जीत मिली।

2018 के चुनाव में विंध्य की 30 सीटों में से 24 और रीवा जिले की सभी विधानसभा सीटें भाजपा की झोली में जाने का श्रेय भी राजेंद्र शुक्ल के खाते में आया था। परिवर्तन की लहर के बीच इस बार भी भाजपा ने विंध्य में 25 सीटों में जीत हासिल की।

इस तरह राजेंद्र शुक्ल अब विंध्य के कद्दावर नेता माने जाते हैं। माना यह भी जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व ने श्री शुक्ला को डिप्टी सीएम बनाकर विंध्य और ब्राह्मण समाज को साधने का प्रयास किया गया है।

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