जबलपुरमध्य प्रदेश

महामारी के वक्त: 14 सरकारी अस्पतालों के डाँक्टरों ने दिया सामूहिक इस्तीफा, भाजपा सरकार में हडकम्प

कोरोना महामारी के इलाज के संकट के बीच उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में 14 सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारियों ने बुधवार को अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने यह कदम ऐसे वक्त में उठाया जब जिले में औसतन 100 नए कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं। इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों ने डीएम और सीएमओ वा तानाशाही का गंभीर आरोप लगाया है। डॉक्टरों ने कहा कि कोरोना का ग्राफ हमारे अथक प्रयासों से नीचे गिरा है। दूसरी तरफ दवाइयों और संसाधनों की कमी के चलते तीमारदारों से रोज बवाल होता है। कड़ी मेहनत के बावजूद डीएम रविन्द्र कुमार और सीएमओ कैप्टन आशुतोष सिंह की उपेक्षा मिलती है। हम यह उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेंगे।

महामारी के वक्त: 14 सरकारी अस्पतालों के डाँक्टरों ने दिया सामूहिक इस्तीफा, भाजपा सरकार में हडकम्प

24 घंटे में 84 पॉजिटिव

उन्नाव में बीते 24 घंटे में 84 कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं। जबकि 88 मरीजों ने कोरोना को मात दी है। यहां अब तक 11,655 संक्रमित मिल चुके हैं। जबकि 168 मरीजों की मौत हो चुकी है। वर्तमान में यहां 1980 एक्टिव केस हैं। ऐसे में 14 डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे से मरीजों ​​​​​​​के इलाज में परेशानी आ सकती है।

बेपटरी हो जाएगी ग्रामीण चिकित्सा व्यवस्था

उन्नाव में 37 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इनमें से 14 केंद्रों के प्रभारियों ने इस्तीफा दिया है। बाकी स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर काम कर रहे हैं। यदि इनका इस्तीफा मंजूर होता है तो ग्रामीण चिकित्सा व्यवस्था बेपटरी हो जाएगी। इन दिनों कोरोना संक्रमण गांवों की ओर तेजी से फैल रहा है। वहीं, जिन डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है वे इस क्षेत्र में डेढ़-दो साल से काम कर रहे हैं। बाकी ज्यादातर स्टाफ नया है।

जिले में ऐसे घटा कोरोना का ग्राफ

तारीख मरीज

05 – 365

06 – 361

07 – 312

08 – 266

09 – 217

10 – 74

11 – 93

दो डॉक्टरों पर कार्रवाई को बनाया इस्तीफे का आधार

डॉक्टरों का कहना है कि वे संकट काल में सीमित संसाधनों के बीच कांट्रैक्ट ट्रेसिंग, इलाज और अन्य सेवाओं को संचालित करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। कई डॉक्टर संक्रमित हो चुके हैं, कई की जान जा चुकी है। इन परिस्थितियों में सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी अपने काम में डटे हुए हैं। लेकिन प्रशासनिक अधिकारी बिना किसी स्पष्टीकरण के कार्रवाई की जा रही है। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी असोहा और कार्यवाहक प्रभारी चिकित्सा अधिकारी चौरासी के खिलाफ बिना आरोप पत्र दिए और स्पष्टीकरण लिए अधीक्षक के पद से हटाकर कोविड कंट्रोल रूम में लगा दिया गया। महामारी की विषम परिस्थितियों में काम करने के बावजूद मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना के कारण सभी डॉक्टर सामूहिक रूप से इस्तीफा दे रहे हैं। डॉक्टरों ने बुधवार की शाम मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पहुंचकर एसीएमओ डॉक्टर तन्मय कक्कड़ को अपना सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया है। पत्र पर 14 डॉक्टरों ने अपने साइन किए हैं।

CMO बोले- उत्पीड़न का आरोप गलत

इस मामले में सीएमओ कैप्टन आशुतोष सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। मैं छुट्टी पर हूं। डॉक्टरों की समस्या का समाधान होगा। मेरे ऊपर लगाया गया उत्पीड़न का आरोप गलत है।

ACMO बोले- स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा असर

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर तन्मय कक्कड़ ने बताया कि उन्हें पत्र मिला है। सीएमओ को पत्र सौंपा जाएगा। आगे की कार्रवाई वे ही करेंगे। इस्तीफा देने वाले डॉक्टर अपने-अपने स्वास्थ्य केंद्र पर डेढ़ से दो साल से काम कर रहे हैं। इनके इस्तीफा देने से स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर पड़ेगा।

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