Bhopal Suicide: फिर भोपाल में एक और डॉक्टर ने की खुदकुशी की कोशिश, इससे 3 दिन पहले महिला जूनियर डॉक्टर ने की थी सुसाइड
Bhopal Doctor Suicide: प्रदेश की राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज फिर एक बार एक और डॉक्टर ने आत्महत्या करने का प्रयास किया। रिपोर्ट के अनुसार डॉक्टर ने नींद की गोलियों का ओवरडोज लेकर अपनी जीवन को समाप्त करने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि डॉक्टर लंबे समय से डिप्रेशन का शिकार रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गांधी मेडिकल कॉलेज में ही 3 दीन पहले एक महिला जूनियर डॉक्टर ने आत्महत्या कर अपना जीवन खत्म कर लिया था।
डॉक्टर की हालत गंभीर
बता दें कि आत्महत्या का प्रयास करने वाले डॉक्टर का नाम कार्तिक बताया जा रहा है। अभी उनकी हालत गंभीर बताया जा रहा है। बता दें कि डॉ. कार्तिक को भोपाल स्थित हमीदिया अस्पताल के ट्रामा सेंटर में भर्ती किया गया है। उनका इलाज जारी है। रिपोर्ट के अनुसार डॉ. कार्तिक ने इसी साल गांधी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त किया है। रिपोर्ट में बताया जा रहा कि सुसाइड करने वाले डॉक्टर कार्तिक ने नींद की दवा का ओवरडोज लिया।
जानिए गांधी मेडिकल कॉलेज में तीन दिन सुसाइड करने वाली महिला डॉक्टर की घटना
बता दें कि गांधी मेडिकल कॉलेज में तीन दिन पहले एक महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर अपनी जीवन को समाप्त कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार 27 निवासी बाला सरस्वती ने गायनेकोलॉजी (स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ) की थर्ड ईयर की स्टूडेंट ने एनेस्थीसिया इंजेक्शन का ओवरडोज लेकर आत्महत्या की थी। महिला डॉक्टर की मौत के बाद उसके पति जयवर्धन चौधरी ने कॉलेज प्रबंधन पर आरोप लगाया। कहा कि पत्नी से 36 घंटे की ड्यूटी कराई जाती थी। आगे कहा कि उसके थीसिस स्वीकार नहीं किए जाते थे उसको 6 महीने का एक्सटेंशन दिया गया था। जयवर्धन ने बताया कि पूर्व में पत्नी ने मेडिकल लीव ली थी जिसे अप्रूव नहीं किया गया। आगे कहा कि पत्नी को जूनियर्स के सामने ही नजर अंदाज किया जाता था। उसे कामचोर कहा जाता था। इसी कारण उसने आत्महत्या की।
महिला डॉक्टर ने लिखा था सुसाइड नोट
बता दें कि सुसाइड से पहले महिला डॉक्टर ने सुसाइड नोट में लिखा था। महला डॉक्टर ने लिखा था कि मां-पापा प्लीज मुझे मेरे इस कदम के लिए माफ कर देना। आई लव यू। आगे लिखती हैं कि आप लोगों ने मेरे लिए बहुत कुछ किया। अपने सुसाइड नोट में महिला डॉक्टर ने लिखा कि जय मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत गिफ्ट है। मैंने उसके साथ सुखी जीवन बिताने का सपना देखा था। कहा कि अपना वादा तोडऩे पर शर्मिंदा हूं। महिला डॉक्टर ने गांधी कॉलेज के बारे में लिखा कि मेरे सर्वाइव के लिए ये कॉलेज बहुत बुरा है। आगे लिखा कि मेरी थीसिस कभी पूरी नहीं हो पाएगी। सरस्वती लिखती हैं कि ये लोग मुझे कभी राहत नहीं देंगे भले ही मैं अपनी आत्मा खून सबकुछ दे दू। अंत में लिखती हैं कि मैं उनके लिए कभी खरी नहीं उतर सकती।