मध्य प्रदेश

नशा करने वालों के लिए जरूरी, सीएम ने शराब नीति में संशोधन का किया ऐलान, जानिए क्या होंगे बदलाव

मध्यप्रदेश के खाते में नशा मुक्ति अभियान को लेकर एक और उपलब्धि आई है। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा हुई ग्रेडिंग में एनएमबीए (नशा मुक्त भारत अभियान) राज्य श्रेणी पुरस्कार में मध्यप्रदेश का चयन किया गया है। वहीं जिला श्रेणी दतिया को देशभर में पहला स्थान मिला है। नशा मुक्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों में मध्य प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ प्रदेश के रूप में चयन करने के बाद इसकी अवॉर्ड सेरेमनी 30 जुलाई 2022 को चंडीगढ़ में होगी। यहां गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री तथा चंडीगढ़ के महामहिम राज्यपाल की उपस्थिति में पुरस्कार वितरण होगा। इस उपलब्धि से उत्साहित होकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान करते हुए कहा है कि हम अपनी शराब नीति में आवश्यक संशोधन करेंगे, जिससे लोगों को नशे से दूर रखा जा सके। इसके लिए वो पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती से भी चर्चा की जाएगी।

शराब नीति में संशोसन की उठा रहीं मांग
उल्लेखनीय है कि उमा भारती लगातार प्रदेश में शराब नीति में संशोधन और अहाते बंद करने की मांग उठा रही हैं। मुख्यमंत्री ने उमा भारती का उल्लेख करते हुए कहा कि वे सामाजिक परिवर्तन के लिए लगातार प्रयास करती रहती हैं और लगातार नशामुक्ति के लिए प्रयत्नशील हैं। हम उनसे बात करेंगे कि कैसे समाज को नशे से दूर रखा जा सकता है और मध्यप्रदेश को नशे से कैसे बचा सकते हैं, हम इस दिशा में लगातार प्रयास करते रहेंगे।

प्रदेश सरकार दो स्तरों में करेगी काम
सीएम शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार दो स्तरों पर काम करेगी। पहला, जनजागरण के जरिए लोगों को नशे से दूर कर मध्यप्रदेश को नशामुक्त बनाया जाएगा और दूसरा ये कि हम अपनी शराब नीति भी ऐसी बनाएंगे, उसमें आवश्यक संशोधन करेंगे जिससे शराब और बाकी नशे से लोगों को दूर रखा जा सके। उन्होने कहा कि शराब नाश की जड़ है और ये मनुष्य को बर्बाद करने का काम करता है। उन्होने आह्वान किया कि नशे के खिलाफ सरकार ही नहीं, समाज भी मिलकर अभियान चलाए।

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