मध्य प्रदेश

दो पत्नियों का एक पति अब हुआ पति का बटवारा, तीन दिन एक साथ और तीन दिन दूसरी के साथ, सन्डे को पति की मर्जी

Division Of Husband Between Two Wives : हम सभी ने अभी तक अपने परिवार में जमीन जायदाद सोने चांदी आदि का बटवारा देखा और सुना है किंतु हम आपको आज एक ऐसे बंटवारे के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। असल में यह बंटवारा है एक पति का, जिसे उसकी दो पत्नियों के बीच बांटा गया है। बंटवारे के समझौते के अंतर्गत पति हफ्ते में 3 दिन एक पत्नी के साथ रहेगा और बाकी के 3 दिन दूसरी पत्नी के साथ गुजारे गा।

आश्चर्यजनक बात यह है कि रविवार यानी कि रविवार को पति अपनी इच्छा अनुसार दोनों पत्नियों में से किसी एक के साथ रह सकता है।साल 2018 में ग्वालियर की एक लड़की का विवाह गुरुग्राम की एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर का काम करने वाले शख्स से हुई थी। विवाह के पश्चात दोनों 2 वर्ष एक साथ रहे इस दौरान उनका एक बेटा भी होगा किंतु वर्ष 2020 में कोरोना काल के वक्त जब लॉकडाउन लगा तो वह अपनी पत्नी को ग्वालियर में उसके मायके छोड़ने आ गया और वह खुद गुरुग्राम लौट गया।

ऐसे में जब कोरोन काल का दौर चल रहा था तो उसके बाद उसमें अपने पति को लंबे वक्त तक ग्वालियर ना आने पर पत्नी को पति पर शक होने लगा। बढ़ते हुए शक्ति कारण उसकी पत्नी गुड़गांव पहुंच गई तो उसे पता चला कि उसके पति ने अपने साथ काम करने वाली एक महिला मित्र से प्रेम विवाह कर लिया है। उसकी एक बेटी भी है दोनों के बीच इसे लेकर काफी लंबा विवाद हुआ किंतु पति ने उसे अपनाने से मना कर दिया।

इसके बाद महिला ग्वालियर लौट आई और अपने नजदीकी न्यायालय में भरण पोषण के लिए कोर्ट से अर्जी लगा दी। यह पूरा मामला कुटुंब न्यायालय में काउंसलर हरीश दीवान के पास पहुंचा जिन्होंने महिला की बात सुनी और उसके पति से फोन पर बात की। अपने पति से भरण-पोषण और न्याय जा रही महिला लगभग 6 महीने तक ऐसा ही चलता रहा। काउंसलर हरीश देवका ने कहा कि पति-पत्नी को समझाने के लिए उन्होंने कुटुंब न्यायालय बुलाया गया पति से उसकी दूसरी पत्नी को भी साथ लाने के लिए बोला गया।

पति ने साफ तौर पर कह दिया की पहली पत्नी का व्यवहार बहुत खराब था इसीलिए वह उसे साथ नहीं रखना चाहता वह दूसरी पत्नी को इसलिए नहीं छोड़ सकता वह उससे काफी ज्यादा प्यार करता है। काउंसलर एडवोकेट हरीश तिवारी ने उसे बताया कि पहली महिला से शादी को बिना तलाक दिए दूसरी शादी करना एक कानूनी अपराध है इसे कानूनी मान्यता नहीं देती है। तुम्हें अब सजा मिल सकती है उन्होंने पहली पत्नी से कहा कि तुम साथ रहो और अच्छे से व्यवहार करो क्योंकि भरण-पोषण में तुम्हें 4:00 ₹5000 प्रति महीने से ज्यादा कुछ नहीं मिल पाएगा। सर की बात तीनों ने बैठकर ध्यान से सुनी तो समाधान निकालने और समझौते के लिए तीनों तैयार हो गए।

समझौते के पश्चात ऐसे दोनों पत्नियों के बीच पति का बंटवारा किया गया जिसमें दोनों पत्नियों को हफ्ते में 3 दिन पति के साथ रहने की अनुमति दी गई। वहीं रविवार के दिन पति अपने मर्जी से किसी भी पत्नी के साथ दिन बिता सकता है जिसके लिए वे पूरी तरह से फ्री है।

वही एडवोकेट हरीश देवगन ने बताया कि समझौते के अंतर्गत यह भी तय हुआ कि पति अपनी आवश्यकता के हिसाब से पैसे निकालकर पत्नी को कम से कम आधी सैलरी देगा। इसके साथ ही एक अलग फ्लाइट भी दिलाएगा इस बात के लिए इंजीनियर पति की तैयार हो गया। उन्होंने कहा कि पत्नी ही गुरुग्राम जाएगी पति ने उसे अलग फ्लैट दिलवा दिया और इस समझौते के बाद दोनों खुश है।

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