भोपालमध्य प्रदेश

सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, होली से पहले मिला बड़ा तोहफा, शुरू हुआ काम जाने कब से उठा सकेंगे लाभ

Employees Insurance Benefit : मध्यप्रदेश राज्य के 20 हज़ार से ज्यादा कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से कई तरह की तैयारियां की जा रही है योजना 2023 में लागू होनी थी, पर किसी कारणवश एक बार पुनः इस योजना में कुछ रुकावट आ गई है। माना कि ऐसा माना जा रहा है कि इस योजना की शुरूआत जल्द ही हो जाएगी और इससे लाखों कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।

सामूहिक स्वास्थ बीमा में थोड़ा विलंब
मध्य प्रदेश के 20 लाख से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी सहित संविदा कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक बड़ा उपहार मिलने वाला है। अधिकारी कर्मचारी संहिता संविदा कर्मचारियों पेंशनर्स काफी लंबे वक्त से सामूहिक स्वास्थ्य बीमा का मुंह ताक रहे है। जनवरी 2023 से लागू होना था किंतु कर्मचारियों के सैलरी से काटे जाने वाला अंशदान को लेकर फिलहाल किसी भी तरह की सहमति नहीं बन रही है।

मध्य प्रदेश के कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना का काफी लंबे वक्त से इंतजार कर रही है इसके लिए प्रारूप भी तैयार हो चुका है जिसमें प्रथम श्रेणी अधिकारी के वेतन से ₹1000 जबकि दूसरी श्रेणी से ₹700 और तीसरी श्रेणी से ₹500 सहित चौथी श्रेणी के कर्मचारियों से ₹400 का अंशदान काटने का प्रावधान में उल्लेख है। किंतु कर्मचारियों की सैलरी से जानकारी जाने को लेकर कर्मचारी संघ द्वारा अभी तक से सहमति नहीं बन पाई है। वहीं कर्मचारियों का कहना है कि राजनीतिक कारणों से इस योजना को अभी तक लागू नहीं किया गया है।

इस मामले में राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश शर्मा ने बताया कि इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की गई है। शासन स्तर पर इस पर बेहद गंभीरता से विचार करा जाएगा और जल्द ही इसे लागू भी किया जाएगा। फिलहाल अंशदान को लेकर प्रदेश सरकार आज तक किसी भी निर्णय पर नहीं पहुंच पाई है वहीं सूत्रों की मानें तो इस योजना में कर्मचारियों का अंशदान में वृद्धि करने पर भी विचार किया जा रहा है। इसके लिए कर्मचारी अभी तक तैयार नहीं है। कर्मचारी मुख्यमंत्री सचिव सहित स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को इस बारे में भी पत्र लिख चुके हैं। बात करें नियमित कर्मचारियों की तो तो करीब ₹40 करोड़ हर वर्ष बीमा कंपनी को प्रीमियम के रूप में दिए जायेंगे। इसके बदले में बीमा कंपनी पर एक और प्रदेश के बाहर बड़े निजी अस्पतालों में कैशलेस उपचार की व्यवस्था करें कि इस प्रस्ताव को 4 वर्ष से इंतजार में पड़ा हुआ है। जिस पर फिलहाल सरकार द्वारा निर्णय नहीं लिया जा रहा है।

वर्तमान समय के नियम के अनुसार प्रथम श्रेणी से चतुर्थी श्रेणी के कर्मचारी के लिए अगस्त 2022 में नियम को लागू किया गया है। जिसके तहत वायरोबी के लिए ₹8000 तक की चिकित्सा पाने की किसी भी तरह की अनुमति नहीं होगी। हालांकि 8000 से अधिक और और 20000 से कम खर्चे पर सिविल सर्जन की अनुमति लेनी पड़ेगी। उपचार प्रतिपूर्ति की सीमा रोगी कर्मचारियों पर लागू हुआ जो घर में ही रहकर अपना उपचार कराती हो। गंभीर बीमारी और अस्पताल में एडमिट होने पर हर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के प्रमाण पत्र और मेडिकल कॉलेज की सहमति को अनिवार्य किया गया है। माना जा रहा है कि बहुत जल्द मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से सामूहिक स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू कर दिया जाएगा। नियमित संविदा समिति स्थाई होने का मंदिर के 20 हजार कर्मचारियों और पेंशनर्स को का लाभ मिलेगा।

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