मध्य प्रदेश

सीएम शिवराज सिंह चौहान का एक और बड़ा ऐलान बेटियों के लाने जा रहे है एक और नई योजना, अब खाते में आएंगे हर महीने हजार रुपए

लाडली लक्ष्मी योजना : मध्य प्रदेश की महिलाओं के लिए अच्छी खबर सामने आ रही है. जैसा कि आप सभी जानते हैं कि बहुत जल्द चुनाव आने वाले हैं ऐसे में युवाओं एवं महिलाओं को अपनी और आकर्षित करने के लिए नेता नए नए योजना पेश करेंगे जिससे उनकी पार्टी में अधिक से अधिक वोट आ सके. आपको बता दें कि अभी हाल ही में 5 मार्च 2023 को मध्यप्रदेश की प्यारी बहनों के लिए लाडली बहन योजना का शुभारंभ किया गया था जिसके लिए 25 मार्च से आवेदन भी शुरू कर दिए गए थे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लाडली बहन योजना के बाद अब लाडली लक्ष्मी बेटी योजना का शुभारंभ करने की तैयारी में जुटी हुई है. इस योजना के 21 वर्ष से लेकर विवाह तक हर महीने ₹1000 प्रदान किए जाएंगे. हालांकि अभी इस योजना को लेकर विचार-विमर्श चल रहा है इसके लिए बहुत जल्द निर्णय ले लिया जाएगा, बता दें कि इसकी जानकारी स्वयं शिवराज सिंह चौहान द्वारा दी गई है.

जानकारी के लिए आपको बता देगी लाडली लक्ष्मी बेटी योजना के तहत एमपी की बेटियों के 21 वर्ष के बाद उनके शादी तक 1000 रूपए प्रति माह देने के प्रस्ताव पर अभी सोच विचार किया जा रहा है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य मध्य प्रदेश की बेटियों को आर्थिक रुप से सहारा देना है. इस योजना के पात्र पैदा होने से लेकर 21 वर्ष तक की बेटियों के लिए है.
साथ ही लाडली बहना योजना 23 वर्ष से 60 वर्ष तक की विवाहित महिलाओं के लिए शुरू की गई है. जिसका मुख्य उद्देश्य 21 वर्ष के बाद मध्य प्रदेश की बेटियों को उनकी शादी होने तक 1000 रुपए प्रतिमाह दिए जायेंगे, जिससे उन्हें परेशानियों से कोई उलझन ना हो. शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि बहुत जल्द इस संदर्भ में फैसला दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री का कहना है कि आजकल के समय में बेटियों के बिना कोई ग्रोथ या डेवलपमेंट नहीं हो सकता है. दरअसल, क्षेत्रीय संस्था में 50% से ज्यादा स्थानों पर बहनें आई हैं. साथ ही महिलाओं का पुलिस में भर्ती होना वूमेन एंपावरमेंट को बढ़ा रहा है. जानकारी के लिए बता दें कि इस विषय में राज्य सरकार ने महिलाओं के अधिकार के बारे में सभी को जानकारी दी एवं उनके हाल दशा के बारे से भी सभी को अवगत करवाया. उन्होंने कहा कि, “इसके देखते हुए हमने महिला कर्मियों के लिए अतिरिक्त 7 दिन के अवकाश का प्रविधान किया है. समाज, माताओं और बहनों का ऋणी है. वे सृष्टि का निर्माण करती हैं. उनका ऋण ऐसी योजनाओं के क्रियान्वयन से उतार सकते हैं.”

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