मौसम विभाग का अलर्ट : तीन दिन तक लगातार होगी झमाझम, 22 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी, जानें अपने शहर का हाल
मौसम विभाग की ओर से प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं 5 संभागों और 3 जिलों में बिजली गिरने और चमकने की चेतावनी जारी करते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। बताया गया है कि मध्य प्रदेश में एक साथ कई सिस्टम के एक्टिव हो रहे हैं, जिससे मानसून की सक्रियता भी बढऩे लगी है, जिसके चलते बारिश का दौर जारी है। नदी नाले उफान पर है और बांधों से पानी छोडऩे से नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। बांध के आसपास रहने वाले लोगों को भी अलर्ट किया गया है। ऐसे में कई गांवों पर बाढ़ का भी खतरा मंडराने लगा है। एमपी मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार 20 जुलाई को 22 जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। अगले दो दिन तक ऐसा ही मौसम बने रहने का अनुमान है।
बारिश को लेकर येलो अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार 20 जुलाई को 2२ जिलों में गरज चमक के साथ भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट है। इसमें सागर, ग्वालियर और चंबल संभाग के साथ कटनी, डिंडौरी, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, विदिशा, रायसेन और नर्मदापुरम में भारी बारिश के आसार हैं। वहीं भोपाल, ग्वालियर, सागर, चंबल, जबलपुर संभाग के साथ धार, बैतूल, नर्मदापुरम में बिजली गिरने की आशंका है। इसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। रीवा, सागर, ग्वालियर, चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना जताई गई है। बताया गया है कि अगले 3 दिन के लिए मानसून ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड, बघेलखंड की ओर शिफ्ट हो गया है, ऐसे में इन इलाकों में अच्छी बारिश होगी। वहीं भोपाल, इंदौर और जबलपुर में गरज-चमक साथ हल्की बारिश हो सकती है। लोकल सिस्टम बनने से दो दिन तक इंदौर और आसपास के इलाकों में हल्की वर्षा हो सकती है।
चार वेदर सिस्टम एक्टिव
एमपी मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में चार वेदर सिस्टम एक्टिव है। वर्तमान में पश्चिमी मध्य प्रदेश के ऊपर चक्रवातीय परिसंचरण समुद तल से 3.1 किमी की ऊँचाई तक सक्रिय है, जबकि अन्य चक्रवातीय परिसंचरण दक्षिणी झारखंड के ऊपर सक्रिय है। वहीं मॉनसून ट्रफ बीकानेर, जयपुर, गुना से होते हुए सतना, डाल्टनगंज, पुरुलिया, दीघा और पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। साथ ही दक्षिणी गुजरात तट से कर्नाटक तट के समांतर अपतटीय ट्रफ विस्तृत है और 20 डिग्री उत्तर अक्षांश के सहारे पठारी क्षेत्र के उत्तरी भाग में मध्य क्षोभमंडल के स्तर पर विरूपक हवाएँ सक्रिय हैं।