MP News : इस बाइक पर कोई सामान नहीं ‘मां’ का शव है, सच जान कर कांप उठेगा कलेजा
शहडोल. इस बाइक को देखकर आपको लग रहा होगा कि कोई सामान बांधा हुआ है। लेकिन ऐसा नहीं है, सच जानकर आपकी आंखों में आंसू आ जाएंग। दिल को झकझोर देने वाला यह दृश्य शहडोल मेडिकल कॉलेज का है। दरअसल मां की मौत के बाद शव घर ले जाने के लिए बेटे के पास इतने रुपए नहीं थे कि वह वाहन कर पाता क्योंकि शव वाहन शव को घर तक पहुंचाने के लिए चार से पांच हजार रुपए मांग रहे थे। सरकारी शव वाहन तो मिलने से रहा। मजबूरन उसने सौ रुपए का लकड़ी का पटरा खरीदा और उसी पटरे के सहारे मां का शव बाइक पर बांध कर करीब 80 किलामीटर दूर गांव तक ले गया। इस दृश्य को जिसने भी देखा उसका कलेजा कांप गया। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद अब स्वास्थ विभाग अलर्ट मोड है, जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। मामले पर अधिकारियों द्वारा लापरवाही छिपाने के लिए पर्दा भी डाला जा रहा है। मेडिकल कॉलेज के डीन का कहना है कि, मृतक के बेटे द्वारा शव वाहन लेने से मना किया गया था।
निजी शव वाहन मांग रहे थे पांच हजार रुपए
घटना रविवार की सुबह शहडोल मेडिकल कॉलेज की है। जब महिला की मौत हो जाने के बाद शव वाहन न मिलने पर बेटों को मां के शव बाइक पर बांधकर 80 किमी. दूर अपने घर ले जाना पड़ा। मां की मौत और अस्पताल प्रबंधन की अमानवियता झेल रहे मृतका के बेटों का कहना है कि, न तो अस्पताल में इलाज मिला और न ही शव वाहन। निजी शव वाहन बहुत पैसे मांग रहे थे। उन्हें देेने के लिए पांच हजार उनके पास नहीं थे। मजबूरी में मां का शव बाइक पर ले जाना पड़ा।
उपचार में भी लापरवाही
बताया गया है कि शहडोल के पड़ोसी जिले अनूपपुर के गोडारू गांव की महिला जयमंत्री यादव को सीने में दर्द होने पर परिजन ने जिला अस्पताल शहडोल में भर्ती कराया था। जहां सुधार न होने के कारण शनिवार की रात 11 बजे जयमंत्री को मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया। जिसकी उपचार के दौरान रात 2.40 बजे उसकी मौत हो गई। मृतका के बेटे सुंदर यादव ने जिला अस्पताल की नर्सों पर आरोप लगाते हुए कहा कि लापरवाही पूर्वक इलाज किया जा रहा था, जिससे स्वास्थ्य में सुधार नहीं हो रहा था।