मध्य प्रदेश

MP Board Results: मध्य प्रदेश शिक्षा मंत्री का ऐलान, इस बार 10वीं और 12वीं के रिजल्ट का होगा नया फॉर्मूला, इन बच्चों को दिए जायेंगे अधिक नंबर

मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड ने एक नया फैसला लिया है। उन्होंने 10वीं हाई स्कूल एवं कक्षा बारहवीं हायर सेकेंडरी स्कूल की परीक्षा का रिजल्ट बनाने के लिए एक नया फार्मूला अपनाया है। जिससे कि सभी छात्रों को लाभ होगा। इस प्रकार आप कह सकते हैं कि इस बार जो नया फार्मूला अपनाया गया है, उससे बहुत कम ही बच्चे हैं। जो फेल हो पाएंगे नहीं तो सभी का पास होना संभव है।

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो एमपी बोर्ड का कहना है कि कक्षा दसवीं के बोर्ड रिजल्ट इस साल के जून महीने के पहले सप्ताह में आ सकते हैं और यह फाइनल हो चुका है कि इस बार दसवीं के रिजल्ट जून महीने में ही निकाले जाएंगे। बता दे कि इस बार के जो रिजल्ट है उसे एक अलग फार्मूले से निकाला जायेगा।

जैसा कि आप जानते होंगे कि दसवीं बोर्ड में एक सब्जेक्ट सो नंबर का होता है। इस बार इस फार्मूले को अपनाया जा रहा है। उसके तहत 75 नंबर आपको थ्योरी से दिए जाएंगे। वही 25 नंबर आपके इंटरनल के होंगे। इस तरह यदि आप स्कूल में अच्छे से पढ़ रहे हैं या फिर आपके टीचर से अच्छे संबंध है तो आपको 25 नंबर तो अच्छे से मिल ही जाएंगे। जिस तरह आप किसी भी एग्जाम को आसानी से पास कर सकते हैं।

इतना ही नहीं बता दे कि यदि आप फिजिक्स केमिस्ट्री बायो या फिर किसी भी सब्जेक्ट को चुनते हैं तो उसमें जो प्रोजेक्ट वर्क होता है, उसकी आपको 15 अंक एक्स्ट्रा दिए जाएंगे और आपको ढाई ढाई अंकित तिमाही और 6 मई परीक्षा जो होती है उसके भी इस वार्षिक परीक्षा में जोड़े जाएंगे। साथ ही यदि आप खेल संगीत या फिर किसी भी तरह की एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज करते हैं तो आपको पांच अंक अलग से दिए जाएंगे और यह सभी अंक आप के दसवीं के बोर्ड एग्जाम में जोड़े जाएंगे।

कक्षा 12वीं की बात करें तो इसमें आपको सामान्य विषयों के लिए 80 नंबर और प्रोजेक्ट वर्क 20 नंबर का दिया जाएगा। जबकि प्रायोगिक विषय जो होते हैं, उनमें आपको 70 अंक का पेपर आएगा और प्रायोगिक परीक्षा 30 अंक का होगा।

बता दे कि श्री इंदर सिंह परमार राज्य मंत्री और स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश के शासन का कहना है कि वे इस बार विद्यार्थियों का आश्रम केवल उनके पढ़ाई पर ही नहीं करते बल्कि यदि किसी बच्चे का मन पढ़ाई के अलावा खेलकूद या फिर किसी अन्य क्षेत्र में लगता है तो वह उस पर भी उनका आकलन करेंगे और उसके अनुसार उन्हें अंक भी देंगे। इस तरह यह नियम 10वीं एवं 12वीं के बच्चों के लिए लागू किया गया है।

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