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Mohan Cabinet Expansion Today: 22 मंत्री ले सकते सकते हैं शपथ

आज दोपहर 3.30 बजे राजभवन में होगा समारोह, इनमें नए चेहरों को मौका मिलेगा

भोपाल। दो दिन दिल्ली में मैराथन मुलाकात और मंथन के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को अपने कुनबे का विस्तार करेंगे। दोपहर बाद 18 से 22 मंत्री शपथ ले सकते हैं। कई दिग्गज इस बार कैबिनेट में दिखाई नहीं देंगे। लोकसभा चुनाव के बाद विस्तार होगा, जिसमें वरिष्ठ विधायक शामिल किए जाएंगे। गौरतलब है कि 24 घंटे के अंदर फिर से शनिवार को दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को दिनभर वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की।

नई दिल्ली में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रपति भवन में शिष्टाचार भेंट कर उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया।

इनमें राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष से अपने कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चा हुई। इसी चर्चा में सूची पर अंतिम मोहर लगी है। इससे पहले सीएम यादव ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी। सोमवार को दोपहर 3:30 बजे राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह होगा। इसमें दस से ज्यादा वरिष्ठ विधायकों को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। इनके अलावा पांच से सात विधायक पहली बार मंत्री परिषद में शामिल किए जाएंगे। इसके साथ ही पहली बार के चार से पांच विधायकों को भी मंत्री बनाया जा सकता है।

कोटा सिस्टम नहीं, लोकसभा चुनाव आधार : सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल विस्तार को किसी भी तरह के कोटा सिस्टम से दूर रखा गया है। उन विधायकों को मंत्री पद दिया जा रहा है, जो लोकसभा चुनाव की दृष्टि से प्रभावी हैं। तकरीबन हर अंचल का मोहन कैबिनेट में प्रतिनिधित्व मिलना तय है। इसी तरह मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण भी देखने को मिलेगा।

सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल में वरिष्ठ नेताओं की तुलना में नए चेहरों को अधिक मौका दिया जाएगा। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ऐसे किसी भी विधायक को मंत्री नहीं बनाएगी, जिन पर किसी भी तरह के गंभीर आरोप लगे हैं। ओबीसी वर्ग के नेताओं को प्राथमिकता मिलना लगभग तय है।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष JPNadda से आज नई दिल्ली में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सौजन्य भेंट की।

सीएम सुबह 10.30 बजे राज्यपाल से करेंगे भेंट
सीएम डॉ. मोहन यादव सोमवार की सुबह 10.30 बजे राजभवन मे राज्यपाल मंगूभाई पटेल से भेंट करेंगे और उन्हें शपथ लेने वाले विधायकों की सूची सौंपेंगे। जो विधायक मंत्री बन रहे हैं, उन्हें सोमवार की सुबह सूचना दी जाएगी। जो विधायक भोपाल से दूरदराज क्षेत्रों मे है उन्हें हेलीकॉप्टर से भोपाल बुलाया जा सकता है। गौरतलब है कि बीते 13 दिसंबर को सीएम डॉ. मोहन यादव और उप- – मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल व जगदीश देवड़ा ने शपथ ली थी। उसके 13वें दिन मोहन कैबिनेट का विस्तार किया जा रहा है।

दिल्ली से संकेत के बाद सीएस की बैठक
सूत्रों की मानें तो दिल्ली से संकेत मिलते ही मुख्य सचिव वीरा राणा ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें मंत्रिमंडल के विस्तार की तैयारियों पर चर्चा की गई। बैठक में सामान्य प्रशासन, गृह, राजभवन और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। खबर यह भी है कि स्टेट गैराज को वाहन तैयार रखने को कहा गया है। सभी वाहन चालकों सहित सुबह 11 बजे राजभवन पहुंचने को कहा गया है।

ये नाम संभावित
प्रद्युम्न सिंह तोमर, एदल सिंह कंसाना, हरिशंकर खटीक, प्रदीप लारिया, अनिल जैन, रीति पाठक, कृष्णा गौर, तुलसी सिलावट, विष्णु खत्री, मालिनी गौड़ और रमेश मेंदोला शामिल हैं। प्रदीप पटेल, कुंवर सिंह टेकाम, संपत्तिया उइके, अशोक रोहाणी, संजय पाठक, राव उदय प्रताप सिंह या प्रहलाद पटेल, विश्वास सारंग, कैलाश विजयवर्गीय, गोविंद सिंह राजपूत, भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव में से कोई एक और ललिता यादव का नाम सामने आ रहा है।

तीन बार मंत्री रहे विधायकों पर अभी निर्णय नहीं
पार्टी तीन बार मंत्री रहे विधायकों को पद नहीं देगी जयंत मलैया, गोपाल भार्गव, विजय शाह, नारायण सिंह कुशवाह, अंतर सिंह आर्य और अर्चना चिटनिस तीन-तीन बार मंत्री रह चुकी हैं। दमोह विधायक जयंत मलैया, उमा भारती सरकार के बाद मंत्री बनाए गए थे, गोपाल भार्गव वर्ष 2003 से 2018 तक मंत्री रहे, 2019 2020 तक नेता प्रतिपक्ष रहे, विजय शाह वर्ष 2003 में मंत्री बने, बीच का अल्प समय छोड़कर 2023 तक मंत्री रहे, नारायण सिंह कुशवाह जातीय आधार पर तीन बार मंत्री रहे। पिछला चुनाव हारने के बाद फिर जीतकर आए, अंतर सिंह आर्य आदिवासी नेता हैं। वे 2003 से 2018 तक लगातार मंत्री रहे। इसी तरह अर्चना चिटनीस साल 2003 से 2005 तक मंत्री रहीं। 2008-2013 में मंत्री रहीं. फिर 2016-18 के बीच मंत्री रहीं।

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